गढ़वा: गढ़वा जिले में एक बार फिर बालू का काला कारोबार अपना पांव पसारने लगा है. गढ़वा से सटे समीपवर्ती राज्य उत्तर प्रदेश के बालू माफियाओं की नजर गढ़वा की नदियों पर पड़ी है़ गढ़वा शहर से होकर गुजरने वाली दानरो नदी से मेढ़ना गांव के समीप बालू माफियाओं के द्वारा बड़े पैमाने पर बालू के अवैध कारोबार किये जाने से जिला प्रशासन भी सकते में है.
वहीं खनन विभाग की भी नींद उड़ी हुई है. पिछले 15 दिनों से गढ़वा जिले में बालू के काले कारोबार में कई बिचौलियों का भरपूर साथ बालू माफियाओं को मिल रहा है. अचानक इतने बड़े पैमाने पर इस कारोबार का मामला उजागर होने के बाद खनन विभाग एवं जिला प्रशासन ने संयुक्त करवाई कर उत्तर प्रदेश के 40 बालू लदे ट्रकों को जब्त किया गया है.
उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा बालू के उठाव पर रोक लगाए जाने के बाद घर बनाने वाले गरीब लोगों को महंगे दामों पर बालू खरीदना पड़ रहा है़ जबकि बालू माफिया यहां से अवैध रूप से बालू का उठाव कर उत्तर प्रदेश के वाराणसी, लखनऊ एवं कानपुर की मंडियों में ऊंचे दामों पर बेच रहे हैं. अवैध बालू के इस कारोबार में बालू माफियाओं के द्वारा एक योजना के तहत गांव से लेकर शहर तक ग्रुप डेवलप किया गया है़ इसी के बदौलत इस कारोबार को शुरू किया गया है. इस मामले में लखनऊ के बालू कारोबारी राजा खान व शहर के दिलीप कमलापुरी सहित 50 अज्ञात लोगों पर गढ़वा थाने में एफआइआर दर्ज करायी गयी है.
सोन नदी से भी बालू उठाव की हो रही है तैयारी : समीपवर्ती राज्य उत्तर प्रदेश के बालू माफियाओं की नजर अब गढ़वा जिले के सुदूर खरौंधी एवं केतार प्रखंड से सटे सोन नदी के बालू पर भी पड़ी है. बालू माफियाओं के द्वारा इसके लिए खरौंधी प्रखंड के अंतर्गत खोखा गांव एवं केतार प्रखंड के परती गांव के समीप से सोन नदी से बालू उठाने को लेकर सेटिंग की गयी है. इस मामले को लेकर केतार क्षेत्र में कुछ स्थानीय लोगों ने साफ तौर पर चेतावनी दी है कि अगर ऐसा होता है तो इसका परिणाम काफी गंभीर होगा. यूं कहें कि यहां बंदूकें दोनों तरफ से तन गयी हैं. सूत्र बताते हैं कि उपरोक्त क्षेत्र से बालू उठाव कर उत्तर प्रदेश की मंडियों में भेजने की कवायद शुरू हो चुकी है.
बालू को लेकर हो चुकी है चार लोगों की हत्या
गढ़वा जिले के विशनपुरा थाना क्षेत्र के जतपुरा गांव स्थित बालू घाट पर बालू उठाव को लेकर तीन स्थानीय लोग सहित चार लोगों की हत्या दो माह पहले ही हो चुकी है. इस मामले में सरकार के निर्देश पर खनन विभाग के पदाधिकारी सहित कई पर गाज गिर चुकी है. बावजूद प्रशासन व खनन विभाग नहीं चेते और एक बार फिर उसी तरह की पृष्ठभूमि गढ़वा प्रखंड के मेढना में तैयार की गयी है. बहरहाल समय रहते इन हालतों पर काबू नहीं पाया गया तो, आनेवाले दिनों में बिशनपुरा जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति से इनकार नहीं किया जा सकता.