एचसीएल/आइसीसी संचालित स्कूलों के शिक्षकों ने पीएम के नाम बीडीओ को सौंपा ज्ञापन
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14 शिक्षकों ने लगायी इच्छा मृत्यु की गुहार
एचसीएल/आइसीसी संचालित स्कूलों के शिक्षकों ने पीएम के नाम बीडीओ को सौंपा ज्ञापन मुसाबनी : मंगलवार को एचसीएल/आइसीसी संचालित विद्यालयों के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री के नाम बीडीओ को ज्ञापन सौंप कर 14 वर्षों से वेतन भुगतान नहीं होने के कारण परिवार सहित भूखे मरने की स्थिति में इच्छा मृत्यु के लिए गुहार […]
मुसाबनी : मंगलवार को एचसीएल/आइसीसी संचालित विद्यालयों के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री के नाम बीडीओ को ज्ञापन सौंप कर 14 वर्षों से वेतन भुगतान नहीं होने के कारण परिवार सहित भूखे मरने की स्थिति में इच्छा मृत्यु के लिए गुहार लगायी है. शिक्षक गणेश चौधरी समेत 14 शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों ने पीएम के नाम मांग पत्र सौंपा है.मांग पत्र में शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मियों ने पीएम को लिखा है कि वे 14 वर्ष से बिना वेतन के आर्थिक संकट से गुजर बसर करते-करते निराश हो चुके हैं. वेतन नहीं मिलने से भोजन जुटाने में परेशानी हो रही है. आर्थिक परेशानी के कारण बच्चों की
पढ़ाई भी छूट गयी. बेटी की शादी करने में परेशानी हो रही है. बीमार होने पर इलाज नहीं हो पा रहा है. 1995 से मंहगाई भत्ता एवं अन्य देय भत्ता का भुगतान नहीं होने, सितंबर 2002 से आज तक वेतन भुगतान नहीं होने, पंचम एवं छठां वेतन पुनरीक्षित वेतनमान का लाभ नहीं देने की शिकायत की गयी है. खदान बंद होने के कारण कर्मचारियों को वीआरएस का लाभ दिया गया. जबकि शिक्षकों को इससे वंचित किया गया. निम्न वर्ग के बच्चों को शिक्षित करने वाले शिक्षकों के परिवार आर्थिक बदहाली में जी रहे हैं. अब तक करीब 15 शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मी आर्थिक संकट के कारण उचित इलाज के अभाव में मौत के मुंह में समा चुके हैं.
बीडीओ ने लिया संज्ञान, जीएम को बुलाया: बीडीओ संतोष गुप्ता ने कंपनी संचालित स्कूलों के शिक्षकों के मामले में संज्ञान लेते हुए आइसीसी के महाप्रबंधक को दो फरवरी को चार बजे उनके कार्यालय में उपस्थित होकर कंपनी प्रबंधन का पक्ष रखने को कहा है.
क्या है मामला: ताम्र खदानों में कार्य करने वाले कर्मचारियों के बच्चों को पढ़ाने के लिए 1932 में आइसीसी कंपनी ने मुसाबनी माइंस मवि की स्थापना की. इसके बाद मऊभंडार में मध्य विद्यालय खुला. इसके बाद हाइस्कूल की स्थापना की गयी. कंपनी संचालित स्कूलों में हजारों की संख्या में कर्मियों के बच्चे पढ़ते थे.कंपनी संचालित छह स्कूल थे,जिसमें मुसाबनी मवि, उवि, मऊभंडार मवि,उवि एवं प्लस टू स्कूल तथा सुरदा मवि एवं उवि शामिल है. इस छह स्कूलों के करीब 110 शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मियों का परिवार बदहाली की जिंदगी जीने को विवश हैं.
इन शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मियों ने मांगी इच्छा मृत्यु
इच्छा मृत्यु की मांग शिक्षक गणेश चौधरी, एसएमए इमाम, सुंदर दास, एबी गिरी, संजीवन दास, वी तिर्की, गीता रानी धल, विमला कुमारी, एसएम सुरीन, के राजन, मीना खान, एपी मोहंती, अविनाश षाड़ंगी ने की है. यह सभी शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मी केस में शामिल नहीं है, जबकि चतुर्थ वर्गीय कर्मी सुबोध पाठक ने पीएम से परिवार सहित इच्छा मृत्यु के लिए आवेदन दिया है.
पीएम तक भेजेंगे मांग पत्र: बीडीओ संतोष गुप्ता ने कहा कि न्यायालय में जिन शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मियों का मामला लंबित नहीं है. उनका आवेदन उचित माध्यम से पीएम के पास भेजा जायेगा.
सितंबर 2002 से वेतन बंद
एचसीएल-आइसीसी कंपनी के खदानों की बंदी के दौरान कंपनी संचालित स्कूलों के शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मियों का वेतन बंद कर दिया. इससे पूर्व 2001 में गर्मी छुट्टी में करीब दो दर्जन शिक्षकों की छंटनी कर दी गयी. कंपनी के निर्णय के खिलाफ कई शिक्षक न्याय के लिए कोर्ट में गुहार लगाये.मामला आज भी लंबित हैं.
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