जादूगोड़ा राम कथा यज्ञ में बोले किंकर महाराज
जादूगोड़ा : समाज में परिवर्तन श्रीराम व्यवहार से करते हैं, जबकि परशुराम कुठार से और रावण तलवार से . समाज के लोगों को अपने वश में श्रीराम अपने स्वभाव से जबकि परशुराम प्रभाव से और रावण दबाव से करना चाहता है. जो दबाव से लोगों को अपने वश में करता है, समाज के लोग उसके सामने भयभीत रहते हैं और पीठ पीछे निंदा करते हैं. प्रभाव से समाज को वश में करने वाले के सामने लोग शांत रहते है और परोक्ष में उसकी निंदा करते हैं.
जो अपने स्वभाव से समाज के लोगों को वश में करता है, उसके सामने लोग उसकी आरती उतारते हैं, पूजा करते है और पीठ पीछे भी उसकी कीर्ति का गान करते हैं. यह बात काशी वाराणसी के कथा वाचक आचार्य पंडित मारूती किंकर जी महाराज ने यूसिल जादूगोड़ा आवसीय कॉलोनी स्थित शिव मंदिर प्रांगण में राम कथा सह रामार्चा ज्ञान यज्ञ में सोमवार को छठे दिन प्रवचन के दौरान कहीं. उन्होंने कहा कि भगवान
श्री राम ने धनुष रूपी अभिमान को भंग कर राजाओं के अभियान को नष्ट कर दिया और भक्ति रूपी जानकी के साथ वरण किया. श्री राम कथा में श्रद्धालु झूम-झूम कर नाचते हुए देखे गये. कथा सुनने के लिए जादूगोड़ा क्षेत्र के अलावा पोटका, नरवा पहाड़, तुरामडीह, घाटशिला आदि क्षेत्रों से भी श्रद्धालु पहुंचे.