बहरागोड़ा, मुसाबनी, डुमरिया, चाकुलिया, गालूडीह में भारी तबाही
डुमरिया : फैलिन ने अनुमंडल में सबसे ज्यादा कहर बरपाया है. यहां हवा व बारिश से 500 से अधिक मकान ध्वस्त हो गये तो 15 गांव के लोगों को अन्यत्र शरण लेनी पड़ी. अकेले डुमरिया में प्रखंड में शंख और चेपाखाल नदी के उफनाने से 15 गांवों में तबाही मची है.
गांवों में बाढ़ का पानी घुस जाने से ग्रामीण परिवार के साथ गांव छोड़ भागे हैं और राहत शिविरों में शरण लिया है. बाढ़ से इस प्रखंड के 150 घर ध्वस्त हो गये हैं. जबकि 300 घरों का आशिंक क्षति हुई है. वहीं 1500 एकड़ में लगी धान की फसल बरबाद हो गयी है. उक्त रिपोर्ट सरकारी है. जबकि इससे ज्यादा नुकसान का आकलन किया जा रहा है. हालात पर एलआरडीसी शंकर यादव और डुमरिया के बीडीओ सुरेंद्र उरांव लगातार नजर रखे हुए हैं.
प्रशासन की ओर शिविरों में चावल, दाल, आलू और किरोसिन तेल दिया जा रहा है. प्रभावितों का हाल जानने से जिप सदस्य सुमित्र हेंब्रम, झामुमो नेता रमेश हांसदा, सुर्य सिंह बेसरा, बाबूलाल सोरेन आदि भी पहुंचे.
इन गांवों में मची तबाही
डुमरिया, काशीडीह, हाथियापाटा, सुवर्णछिड़ा, नरसिंहबहाल, बड़ाकांजिया, रांगामाटिया, जादूगोड़ा, छोलागोड़ा, बासोडीह, चायडीहा, दामूडीह, सातबखरा, टोटासाई आदि कई गांव है जहां बाढ़ से तबाही मची है. इससे ग्रामीण गांव खाली कर शिविरों में शरणागत हैं. उक्त गांवों में 150 घर बारिश से ध्वस्त हो गये हैं, जिनके घर धंसे हैं उनमें मधुसूदन पाल, यामिनी पाल, सुखदेव पाल, कालीचरण भकत, हेमंत भकत, यदु सरदार, शशधर पाल, कवि भकत, बलराम धल, सुबोध धल, मुचीराम धल आदि शामिल हैं.
जबकि 300 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है. ग्रामीणों के अनुसार 1500 एकड़ में धान की फसल बर्बाद हो चुकी है.