धालभूमगढ़ : अलग राज्य आंदोलनकारियों को सम्मान नहीं मिलने से आंदोलनकारी निराश और हतो उत्साहित हैं. गुरुवार को धालभूमगढ़ के वन विश्रमागार में आंदोलनकारी दुखी राम मार्डी, अनिल महतो, अजीत साव, मो हुसैन, बासेत मुमरू, बादल हेंब्रम, मो रमीजुद्दीन ने बातचीत में कहा कि अजरुन मुंडा सरकार के समय आंदोलनकारी गठित आयोग द्वारा चिह्न्ति करने की बात थी, परंतु श्री मुंडा की नेतृत्व वाली सरकार गिर गयी.
राष्ट्रपति शासन काल में आंदोलनकारियों को कुछ नहीं मिला. एक साल में भी आयोग आंदोलनकारियों को चिह्न्ति नहीं कर पाया.
आयोग के अध्यक्ष ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया. आंदोलनकारी अंधेरे में हैं कि इस्तीफा पत्र स्वीकार किया गया या नहीं. आयोग की समय सीमा 31 मई 13 को समाप्त होनी थी. समय सीमा का विस्तार किया गया या नहीं. आयोग के सदस्य लक्ष्मण टुडू और सुधीर महतो की लापरवाही के कारण एक साल में भी आंदोलनकारियों को चिह्न्ति नहीं किया जा सका. दोनों सदस्य अपने लाल बत्ती वाले वाहन में घूमते रहे.
आंदोलनकारियों को सम्मान के बदले लाल बत्ती दिखायी. आंदोलनकारियों ने मांग की कि नवंबर माह तक सभी आंदोलनकारियों की पहचान करनी होगी. आंदोलनकारी को सम्मान मिलने के पहले ही श्याम चरण मार्डी, चंडी चरण मंडल, कान्हू हेंब्रम, स्वप्न श्यामल, भागमात मार्डी, मंगल हेंब्रम गुजर गये. आयोग के सदस्य लक्ष्मण टुडू ने दूरभाष पर इस मसले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.