मुसाबनी : सुरदा पंचायत की मुखिया शांति हांसदा के नेतृत्व में मंगलवार को किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल सीओ से मिलकर ज्ञापन सौंपा. किसानों ने कहा कि मऊभंडार कारखाना से निकले जहरीले गैस से करीब एक हजार बीघा में लगी धान की फसल खराब हो गयी. इससे कुदमडीह, तिलाबनी, बाड़ाघाट, सुरदा, उपरबांधा, अमाईनगर, माटियालडीह, बेनाशोल, जामशोल, कुदूडीह, कुमीरमुढ़ी, नीमडीह, घाघराडीह आदि गांव प्रभावित हैं. किसानों ने केसीसी लेकर खेती की है.
फसल क्षति होने से विकट समस्या उत्पन्न हो गयी है. किसान परिवार का गुजारा कैसे करेंगे. कर्ज कैसे चुकायेंगे. किसानों ने कहा कि मऊभंडार कारखाना से प्रति दिन जहरीले गैस वायुमंडल में छोड़ा जाता है. इसे गांवों में पानी, मिट्टी व वायु दूषित हो रहा है. यह सिलसिला लंबे समय से चल रहा है. दूषित गैस से ग्रामीणों को आंख, त्वचा व सांस से संबंधित बीमारियां हो रही है. जहरीला कचरा सुवर्णरेखा में बहा दिया जाता है. इससे जल जीव प्रभावित हो रहे हैं. नदी का पानी दूषित हो रहा है.
नदी की मछलियां मर रही हैं. मछुआरों को परेशानी हो रही है. वर्ष 2007 से क्षेत्र के किसान लगातार जहरीले गैस के रोकथाम के प्रयास करने की गुहार लगा रहे हैं. अबतक उनकी बातों को अनसुनी कर दी गयी है. सीओ से जहरीले गैसे पर रोक लगाने और प्रभावित किसानों एवं मछुआरों को मुआवजा देने देने की मांग की गयी है. अन्यथा किसान कंपनी मुख्यद्वार पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे.