कार्रवाई. पशु तस्करी के खिलाफ सख्ती के नाम पर फैसला
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हल्दीपोखर हाट में गाय बैल की बिक्री पर रोक
कार्रवाई. पशु तस्करी के खिलाफ सख्ती के नाम पर फैसला कोवाली पुलिस ने की घोषणा, वरीय अधिकारियों का आदेश बताया भेंड़-बकरी समेत अन्य पशुओं की खरीद-बिक्री रहेगी यथावत सिंहभूम क्षेत्र का सबसे बड़ा पशु बाजार है हल्दीपोखर हाट पोटका : सिंहभूम के सबसे बड़े पशु बाजार हल्दीपोखर हाट में गाय-बैलों की बिक्री पर रोक लगा […]
कोवाली पुलिस ने की घोषणा, वरीय अधिकारियों का आदेश बताया
भेंड़-बकरी समेत अन्य पशुओं की खरीद-बिक्री रहेगी यथावत
सिंहभूम क्षेत्र का सबसे बड़ा पशु बाजार है हल्दीपोखर हाट
पोटका : सिंहभूम के सबसे बड़े पशु बाजार हल्दीपोखर हाट में गाय-बैलों की बिक्री पर रोक लगा दी गयी है. कोवाली पुलिस ने शनिवार सुबह अचानक हाट में इसकी घोषणा कर दी. पुलिस ने बताया कि पशु तस्करी रोकने के लिए वरीय पदाधिकारियों के आदेश पर यह कार्रवाई की गयी है और बाकी पशुओं की खरीद-बिक्री यथावत रहेगी. वहीं, इस फैसले से क्षेत्र के किसानों के सामने यह सवाल खड़ा हो गया है कि वे गाय-बैल की खरीद-बिक्री के लिए अब कहां जायेंगे. ज्ञात हो कि हल्दीपोखर में रेलवे लाइन के किनारे लगनेवाले हाट को सिंहभूम के
सबसे बड़ा पशु बाजार माना जाता है. यहां भारी संख्या में गाय-बैल, भैंस की खरीद-बिक्री होती रही है. किसानों के गाय-बैल खरीद-बिक्री का यह एक बड़ा बाजार है. लेकिन इस बीच हाट से पशु तस्करी की बात भी सामने आती रहती थीं. प्रशासन ने तस्करी पर रोक के नाम पर गाय-बैल की खरीद-बिक्री तो बंद करवा दी लेकिन किसानों के सामने आयी बड़ी परेशानी को नजरअंदाज कर दिया है.
क्षेत्र के लोगों का कहना है कि हल्दीपोखर से गाय-बैल की बिक्री पर रोक लगाये जाने से भले ही पशु तस्करी पर रोक लग जायेगी, लेकिन किसानों को भी काफी परेशानी होगी. कृषि कार्य एवं दुग्घ उत्पादन हेतु गाय-बैल, भैंस की खरीद-बिक्री के लिए लंबे समय से क्षेत्र के किसान हल्दीपोखर हाट पर निर्भर रहे हैं. क्षेत्र के किसान इस फैसले से चिंतित हैं. पेशे से किसान और हल्दीपोखर पूर्वी पंचायत के मुखिया सुनील मुंडा ने कहा कि तस्करी पर रोक लगे, लेकिन किसानों के हित को ध्यान में देखते हुए गाय-बैल के हाट पर रोक नहीं लगनी चाहिए.
सरकार को मिलता था लाखों का राजस्व
हल्दीपोखर हाट कृषि उत्पादन बाजार समिति जमशेदपुर के अंतर्गत आता है. पूर्व में यहां के पशु हाट से सरकार को लाखों रुपये का राजस्व मिलता था, जिसके संग्रह का काम स्थानीय आदिवासी संगठनों के द्वारा किया जाता था, लेकिन वर्तमान सरकार ने हाट से राजस्व वसूलने वालों को हटा दिया है जिसके कारण वसूली भी बंद है.
सामूहिक हत्या से था पशु तस्करी का कनेक्शन
सूत्रों के अनुसार राजनगर थाना क्षेत्र में मई महीने में बच्चा चोर का आरोप लगाकर चार लोगों की भीड़ द्वारा नृशंस हत्या के पीछे पशु तस्करी का विवाद था. इस घटना के बाद पशु तस्करी के खिलाफ जान-बूझकर कोई कार्रवाई नहीं करने के आरोप में तत्कालीन थाना प्रभारी केएन ओझा को निलंबित कर दिया गया था. माना जाता है कि उस कार्रवाई के बाद पुलिस प्रशासन ने हाट में गाय-बैल की खरीद-बिक्री पर रोक लगाने का निर्णय लिया है.
मुझे इस मामले में कोई जानकारी नहीं है.
प्रभात कुमार, एसडीआे धालभूम अनुमंडल
पशु तस्करी रोकने के लिए कोवाली पुलिस द्वारा हल्दीपोखर हाट से सिर्फ गाय-बैल की खरीद-बिक्री पर रोक लगायी गयी है. हाट में भेंड़-बकरी की बिक्री एवं सामान्य हाट यथावत रहेगी.
चित्तरंजन मिश्र, थाना प्रभारी, कोवाली
तस्करी पर रोक लगे, लेकिन किसानों के हित को ध्यान में देखते हुए गाय-बैल के हाट पर रोक नहीं लगनी चाहिए.
सुनील मुंडा, मुखिया, हल्दीपोखर, पूर्वी पंचायत
पशु तस्करी गलत है, उसपर रोक लगना चाहिए, लेकिन तस्करी के नाम पर हल्दीपोखर जैसे बड़े गाय-बैल हाट को बंद करा दिये जाने से किसानों को परेशानी होगी. झामुमो बैठक कर रणनीति तय करेगा.
सुनील महतो, झामुमो नेता
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