सड़क सुरक्षा को लेकर आयोजित कार्यशाला में रोड सेफ्टी से जुड़ी तमाम पहलुओं की चर्चा की गयी. वक्ताओं ने कहा कि सावधानी और यातायात नियमों का पालन कर लोग सड़क दुर्घटनाओं से बच सकते हैं. इसके लिए जागरूकता पर बल दिया.
दुमका : पथ निर्माण विभाग द्वारा उपराजधानी दुमका के इंडोर स्टेडियम में सड़क सुरक्षा को लेकर एक प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन शुक्रवार को किया गया. प्रमंडलस्तरीय इस कार्यशाला का उदघाटन उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा, पथ निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता बीके लाल एवं विभाग के अन्य पदाधिकारियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. इस कार्यशाला का उद्देश्य पथ निर्माण से जुड़े लोगों को रोड सेफ्टी के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में बताना था. पथ निर्माण विभाग से जुड़े लोगों को संबोधित करते हुए उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने कहा कि डेवलपमेंट से लोगों को फायदा तो होता है लेकिन डेवलपमेंट के कई साइड इफेक्ट भी होते हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड की जमीन अन्य राज्यों की तुलना में अलग है.
यहां की जमीन समतल नहीं है. झारखंड की सड़कें चाहें वह छोटानागपुर में हो या संताल परगना में, पहाड़-पर्वतों को काट कर बनायी गयी है. इसलिए यहां की सड़कों में अन्य राज्यों की अपेक्षा अधिक डाइवर्जन है. रिसर्च कर, नये टेक्नोलॉजी का उपयोग कर अगर पथ का निर्माण कराया जाये तो सड़क दुर्घटना में कमी आ सकती है. सड़कों की अच्छी जाल पूरे राज्य के साथ-साथ दुमका में भी पूरी तरह से फैल चुकी है. सड़क के अच्छे होने के से युवाओं के द्वारा गाड़ियों को बहुत तेजी से चलाया जाता है. इस कारण सड़क दुर्घटना आये दिन तेजी से बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को अपने महत्व को समझें तथा वाहन चलाते वक्त हेलमेट का प्रयोग अवश्य करें. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए लगातार अभियान चलाया जाता रहा है.
लेकिन मंजिल अभी दूर है. उन्होंने कहा कि 75 प्रतिशत सड़क दुर्घटना से होने वाली क्षति को सिर्फ हेलमेट पहन कर वाहन चलाने से रोका जा सकता है. उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना होने से हमारा और आपका कुछ नुकसान नहीं होता बल्कि उस परिवार को बहुत बड़ा नुकसान होता है. जिन्होंने अपने परिवार के सदस्य को सड़क दुर्घटना में खो दिया. उन्होंने कहा कि अन्य शहरों की तरह दुमका में भी सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था करने की जरूरत है.