रानीश्वर : पश्चिम बंगाल की सीमावर्ती क्षेत्रों से आंगनबाड़ी सहायिका और उसके परिवार के ही तीन युवतियों को ग्रामीणों के कब्जे से तीस घंटे के बाद मुक्त करा लिया गया है. इसके लिए डीएसपी अनिल कुमार श्रीवास्तव को पहुंचना पड़ा और कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. इससे पहले कल सोमवार को बीडीओ गौतम कुमार भगत का प्रयास विफल रहा था.
मंगलवार को डीएसपी अनिल कुमार श्रीवास्तव के साथ-साथ बीडीओ गौतम कुमार भगत, थानेदार कृष्णा गहलोत, झामुमो के प्रखंड अध्यक्ष नकुल चंद्र साहा, प्रखंड सचिव नौशाद शेख, प्रमुख पूनम मुमरू आदि की मौजूदगी में ग्रामीणों की बैठक हुई. बैठक में ग्रामीण झामुमो कार्यकर्ता सुजीत किस्कू को लाने के बाद ही गांव में बैठक कर सहायिका व अन्य युवतियों को छोड़ने को तैयार हुए.
तीन माह पूर्व जमीन विवाद में कमल बास्की की हत्या तथा चार दर्जन ग्रामीणों के खिलाफ मामला दर्ज होने से यह विवाद जुड़ा हुआ है. घटना के तीसरे दिन पीडीएस डीलर सुजीत किस्कू का घर घेर लिया गया था. इसके बाद हत्या के नामजद आरोपी श्यामल बास्की की गिरफ्तारी हो सकी थी. इसी घटना के बाद से गांव में तनाव की स्थिति को देखते हुए पुलिस का कैंप स्थापित कर दिया गया था. विधायक नलिन सोरेन ने शांति बहाल करने का प्रयास किया था, लेकिन विवाद नहीं सुलझ सका था.