दुमका : झारखंड चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले स्वास्थ्यकर्मी भी अब आंदोलन की राह पर है. गुरुवार से जिले के चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन धरना की शुरुआत की तथा चार सूत्री मांगों की पूर्ति होने तक आंदोलन में डटे रहने का ऐलान किया.
सिविल सजर्न कार्यालय के समक्ष जिला मुख्यालय एवं विभिन्न प्रखंडों से स्वास्थ्यकर्मी जुटे तथा मांगों की पूर्ति के लिए आंदोलन व संघर्ष को ही एकमात्र उपाय बताया. अजय कुमार साह ने कहा कि इस बार आश्वासन पर नहीं साकारात्मक कदम उठाये जाने पर ही आंदोलन समाप्त किया जायेगा.
झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष प्राणमोहन मुमरू, जिला सचिव शशि शेखर अंबष्ठ, संयुक्त सचिव राजीव नयन तिवारी आदि ने चिकित्सा विभाग में उत्पन्न परिवेश के लिए सिविल सजर्न को जिम्मेदार ठहराते हुए अविलंब सभी मांगों पर कार्रवाई पर जोर दिया.
‘दुमका में स्वास्थ्यकर्मियों की अवैध नियुक्ति पर शिकंजा’ खबर का जिक्र करते हुए कहा कि 1981 से 1993 तक के कर्मियों की नियुक्तियों की बात पर केवल दुमका जिला को लक्षित किये जाने के मामले को उन्होने निराशाजनक बताया.
वहीं राज्य महासंघ के संरक्षक तारणी प्रसाद कामत, सम्मानित अध्यक्ष श्यामा देवी यादव एवं संयुक्त सचिव राजीव नयन तिवारी ने कहा कि यह आंदोलन यहीं तक सीमित नहीं रहेगा. यदि विभागीय पदाधिकारियों ने आवश्यक कार्रवाई नहीं की, तो राज्यस्तर पर आंदोलन होगा.
धरना में ओम प्रसाद गुप्ता, शशिशेखर अंबष्ठ, सुभाष सिंह, वामदेव गोरायं, कैलाश प्रसाद साह, तपन कुमार ठाकुर, सिराजुल हसन, गोल्डन मरांडी, सोनाक्षी, जोसफीन स्वर्णलता हांसदा, नित्या सिंह, मार्था, मरियम, तारामुनी, उषा आदि मौजूद थे.