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बंद कराया अनाज वितरण, मचाया हंगामा

रानीश्वर : खाद्य सुरक्षा कानून के लागू हो जाने के बाद अनाज व केरोसिन तेल नहीं मिलने से सैकड़ों ग्रामीणों ने मंगलवार को आसनबनी के एक जन वितरण प्रणाली दुकान के सामने जमकर हंगामा मचाया. नाराज ग्रामीणों ने दुकानदार सुरेंद्र पांडेय की दुकान बंद कर अनाज वितरण बंद कर दिया. इस दौरान ग्रामीणों ने दुकानदार […]

रानीश्वर : खाद्य सुरक्षा कानून के लागू हो जाने के बाद अनाज व केरोसिन तेल नहीं मिलने से सैकड़ों ग्रामीणों ने मंगलवार को आसनबनी के एक जन वितरण प्रणाली दुकान के सामने जमकर हंगामा मचाया. नाराज ग्रामीणों ने दुकानदार सुरेंद्र पांडेय की दुकान बंद कर अनाज वितरण बंद कर दिया.
इस दौरान ग्रामीणों ने दुकानदार से खाद्य सुरक्षा कानून की नयी सूची में छूटे हुए गरीब लोगों के नाम जोड़ने तथा सूची में शामिल संपन्न लोगों के नामों को सूची से हटाने की मांग की. साथ ही यह भी कहा कि जब तक ऐसा नहीं किया जाता है, तब तक दुकान नहीं खुलने दिया जायेगा. इधर जविप्र दुकानदार सुरेंद्र पांडेय का कहना है कि उसे प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी द्वारा जो सूची उपलब्ध करायी गयी है. उसी के आधार पर अनाज व केरोसिन तेल वितरण कर रहा है और नयी सूची की एक प्रति दुकान के दीवार पर भी चिपका दी गयी है. दुकानदार श्री पांडेय ने बताया उनकी दुकान में पहले जिन लोगों के नाम थे. वैसे 150 लोगों के नाम नयी सूची में नहीं है, इसमें बहुत सारे अंत्योदय कार्डधारियों के नाम भी नहीं है. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि इसकी शिकायत एक महीने पहले भी प्रखंड कार्यालय पहुंच कर की गई थी, बावजूद इसके सूची में सुधार करने की पहल नहीं की गई है.
ग्रामीण दीनु मंडल, शीतल दत्त, पूर्ण भंडारी, जगन्नाथ गोस्वामी, कालीदासी, गणेश चंद्र दास आदि ने बताया कि गरीबों को अनाज नहीं मिलेगा, तो सरकार किसे अनाज देगी. ग्रामीणों ने बताया कि गरीब लोग सूची में नाम शामिल करने के लिए बार-बार प्रखंड कार्यालय का चक्कर नहीं लगा पायेंगे. प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी रानीश्वर के अलावा शिकारीपाड़ा प्रखंड के अतिरिक्त प्रभार में भी हैं. ग्रामीण दीनु मंडल ने बताया कि जविप्र दुकान से कार्डधारियों को कितना अनाज मिलेगा तथा अनाज व तेल की दर क्या है, इसकी सही जानकारी दुकानदारों को भी नहीं है. जिससे दुकानदार मनमाने तरीके से अनाज व तेल के बदले पैसे वसूलते हैं. दुकानदार सामग्री देने के बाद कैश मेमो भी नहीं देते हैं. प्रखंड क्षेत्र में अलग-अलग दुकान में अलग-अलग कीमत वसूली जा रही है. ग्रामीणों ने कहा कि सूची में संशोधन नहीं करने तथा दुकानदारों द्वारा कैश मेमो नहीं देने की स्थिति में सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे. उल्लेखनीय हो कि प्रखंड के विभिन्न गांवों में नयी सूची में काफी गड़बड़ी है और इसका नतीजा जविप्र दुकानदारों को भुगतना पड़ रहा है.
कहते हैं ग्रामीण
‘मैं एक ठेला चालक हूं और किसी तरह दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर पाता हूं. पहले अंत्योदय के तहत अनाज मिलता था और उसी से किसी तरह परिवार चलता था. लेकिन नयी सूची से मेरा नाम हटा दी गयी है. जिससे इस महंगाई में काफी परेशानी हो रही है.’
श्रीधर बाउरी, आसनबनी
‘पहले मेरा नाम बीपीएल कार्ड में था. जिससे अनाज मिलता था. बाजार में ठेला रिक्शा चलाकर परिवार का गुजारा होता है, ऐसे में नयी सूची से नाम कट जाने से काफी मुसिबतें हो रही है. इस समस्या से पदाधिकारी के पास गुहार लगाया हूं, लेकिन अब तक कोई पहल नहीं हुई है.’
मनु मिर्धा, आसनबनी
‘सरकार गरीबों को अनाज उपलब्ध कराने के लिए ही तमाम कोशिशें कर रही है, लेकिन वास्तव में इसका लाभ गरीबों को नहीं मिल रहा है. जिससे गरीब अपने को असहाय मह्सूस कर रहे हैं और खाद्य सुरक्षा अधिनियम के आने से अनाज व केरोसिन मिलने की उम्मीद भी खत्म हो गई है.’
प्रदीप केवट,
आसनबनी

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