दुमका : जिले में बालूघाट की नीलामी प्रक्रिया स्थगित कर दी गयी है. 23 एवं 24 अक्तूबर को समाहरणालय सभागार में बालूघाटों की नीलामी होनी थी. उपायुक्त कार्यालय के खनन शाखा द्वारा एक आदेश जारी कर अब इसे 31 अक्तूबर को करने की घोषणा की है.
प्रशासन का कहना है कि अंचलवार बालूघाट के बावत प्राप्त आवेदनों की समीक्षा किये जाने के बाद यह पाया गया कि कुछ मुखियाओं द्वारा आवेदकों को सहमति प्रदान नहीं की गईथी. कई घाटों के लिए बहुत की कम आवेदन प्राप्त हुए थे, जिससे इस नीलामी प्रक्रिया में राज्य सरकार को राजस्व की क्षति होने की संभावना बनती है.
वैसे सभी आवेदक जो ग्रामसभा, मुखिया या ग्राम पंचायत से सहमति प्राप्त नहीं कर पाये हैं, वे अब प्राधिकृत पदाधिकारी के रुप में जिला खनन पदाधिकारी के कार्यालय में सहमति प्राप्ति के लिए आवेदन कर सकेंगे. ऐसे आवेदकों को स्वघोषणा भी करनी होगी कि उनके आवेदन पर ग्रामसभा, मुखिया अथवा ग्राम पंचायत की सहमति प्रदान नहीं की गयी. ऐसे आवेदनों पर जिला खान पदाधिकारी ही सहमति पत्र निर्गत करेंगे.
बालूघाट नीलामी में भाग लेने के लिए 29 अक्तूबर तक सहमति पत्र के साथ आवेदन किया जा सकेगा. बुधवार को उपायुक्त कार्यालय पहुंचकर सैंकड़ो लोगो ने संयुक्त रुप से अपनी आपत्ति जताई. इन लोगों का कहना था कि बालूघाट नीलामी में स्थानीय को प्राथमिकता मिलनी चाहिए.
बालूघाट की नीलामी से पहले दर का भी निर्धारण किया जाना चाहिए, ताकि बंदोबस्ती के बाद मनमानी नहीं चले. शिकायतकर्ताओं में नवीन चंद्र मंडल, जयकांत मंडल, संजीव कुमार अग्रवाल, फनी लायक मेलर, प्रकाश यादव, प्रमोद यादव, प्रदीप मंडल, जयकांत मंडल, अवधेश राउत, कामदेव कुंवर, शीतल मांझी, लक्ष्मण मिस्त्री, रामाकांत शर्मा, सुनील राय, मो इकबाल आदि शामिल थे.