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शिक्षा के गिरते स्तर पर मंथन
पूरे राज्य से जुटे हैं अभाविप प्रतिनिधि दुमका : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का चार दिवसीय प्रांतीय अभ्यास वर्ग के उद्घाटन सत्र में क्षेत्रीय संगठन मंत्री गोपाल शर्मा ने झारखंड के 14 साल बीत जाने के बावजूद शिक्षा के स्तर में सुधार नहीं हो पाने पर चिंता जतायी. उन्होंने कहा कि यह बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण […]
पूरे राज्य से जुटे हैं अभाविप प्रतिनिधि
दुमका : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का चार दिवसीय प्रांतीय अभ्यास वर्ग के उद्घाटन सत्र में क्षेत्रीय संगठन मंत्री गोपाल शर्मा ने झारखंड के 14 साल बीत जाने के बावजूद शिक्षा के स्तर में सुधार नहीं हो पाने पर चिंता जतायी.
उन्होंने कहा कि यह बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि उस झारखंड प्रदेश में शिक्षा का स्तर खराब है और छात्रों को शिक्षा पाने के लिए पलायन करना पड़ रहा है. प्रदेश में देश की 45 प्रतिशत खनिज संपदा है. अल्युमिनियम से लेकर सोने और यूरेनियम तक के भंडार हैं. बावजूद इसके राज्य में अब तक की तमाम सरकारें उच्च शिक्षा के मामले में बेहद ही उदासीन रही हैं. 14 सालों में शिक्षा की बरबादी का इतिहास लिखा जाता रहा. अब तक इसके समाधान की मुकम्मल कोशिश नहीं हुई.
यही वजह है कि 24 में से 13 जिलों के मुख्यालय में महिला कॉलेज तक नहीं हैं. चार विश्वविद्यालय के पास अपनी जमीन-अपना भवन तक नहीं है. एक भी कॉलेज ऐसे नहीं हैं, जो अच्छी शिक्षा दे सके. शिक्षकों के अधिकांश पद खाली पड़े हुए हैं. जिस अनुपात में छात्रों की संख्या बढ़ रही है,
उस अनुपात में नये संस्थान नहीं बन रहे. मेडिकल, इंजीनियरिंग और पोलिटेकनिक संस्थानों की भी कमी है. जिन उद्देश्यों के साथ झारखंड बना था, वह पूरा नहीं हुआ. श्री शर्मा ने कहा कि परिषद् का कार्य लक्ष्य युवाओं को राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के लिए तैयार करना एवं उनकी भूमिका सुनिश्चित कराने की है.
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