///न्यायालय ने आरोपी को लगायी फटकार, दोबारा गलती नहीं करने की चेतावनी देकर किया रिहाप्रतिनिधि, दुमका कोर्ट मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी धीरेंद्र कुमार मिश्र के न्यायालय ने 6 वर्ष पूर्व तीन पत्रकार को बंधक बनाने और उसके साथ दुर्व्यवहार के मामले में विद्युत एरिया बोर्ड के उपलेखा निदेशक सत्यजीत घोष को भादवि की धारा 342 एवं 504 के तहत दोषी करार देते हुए कड़ी डांट फटकार लगाकर तथा दोबारा गलती नहीं करने की चेतावनी देते हुए रिहा कर दिया. घटना 30 मार्च 2009 के शाम 7:30 बजे की है, जब तीन पत्रकार राहुल कुमार गुप्ता, अशोक राउत व विकास कुमार साह न्यूज कवरेज करने विद्युत विभाग कार्यालय गये थे. आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद विद्युत विभाग द्वारा निविदा निष्पादन किये जाने की पर कार्यालय से जानकारी लेनी चाही. वे अंदर फोटो लेना चाह रहे थे. इसे लेकर आरोपी सत्यजीत घोष और अन्य कर्मचारी पत्रकारों से उलझ गये और कार्यालय परिसर को बंद करते हुए तीनों को बंधक बना लिया था. पुलिस को सूचना मिलने पर तीनों पत्रकारों को मुक्त कराया गया था. घटना में मुफस्सिल थाना कांड संख्या 29/09 दर्ज हुआ था. न्यायालय में ट्रायल के दौरान तीनों पत्रकार का बयान दर्ज हुआ, जबकि केस के अनुसंधानकर्ता अवर निरीक्षक देव सिंह न्यायालय में गवाही देने उपस्थित नहीं हुए. हो सकती थी सजाभादवि की धारा 342 में एक वर्ष की सजा या एक हजार रुपये जुर्माना या दोनों से दंडित करने एवं धारा 504 लोक शांति भंग कराने के मामले में 2 वर्ष की सजा या जुर्माना या दोनों सेे दंडित किये जाने का प्रावधान है. ऐसे में आरोपी को ये दोनों ही सजा हो सकती थी.
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/’/क्राईम// पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार करने व उसे बंधक बनाने के मामले में आरोपी दोषी करार
///न्यायालय ने आरोपी को लगायी फटकार, दोबारा गलती नहीं करने की चेतावनी देकर किया रिहाप्रतिनिधि, दुमका कोर्ट मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी धीरेंद्र कुमार मिश्र के न्यायालय ने 6 वर्ष पूर्व तीन पत्रकार को बंधक बनाने और उसके साथ दुर्व्यवहार के मामले में विद्युत एरिया बोर्ड के उपलेखा निदेशक सत्यजीत घोष को भादवि की धारा 342 एवं […]
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