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पेयजल भी ग्रामीणों को नसीब नहीं
बोआरीजोर : केंदुआ पंचायत के चितरकोठी गांव में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. गांव के ग्रामीणों की स्थिति इतनी खराब है कि पीने को शुद्ध पानी तक नसीब नहीं होता. गांव के लोग जोरिया, कुआं व तालाब का दूषित पानी पीने को मजबूर है. गांव की समस्याएं यहीं खत्म नहीं होती स्थिति यह है […]
बोआरीजोर : केंदुआ पंचायत के चितरकोठी गांव में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. गांव के ग्रामीणों की स्थिति इतनी खराब है कि पीने को शुद्ध पानी तक नसीब नहीं होता. गांव के लोग जोरिया, कुआं व तालाब का दूषित पानी पीने को मजबूर है. गांव की समस्याएं यहीं खत्म नहीं होती स्थिति यह है कि गांव को जाने के लिये एक पक्की सड़क तक नहीं है.
राज्य गठन के 14 वर्षो बाद भी गांव की स्थिति वैसी ही है जैसे 14 वर्षो पहले थी. ग्रामीणों की बेबसी का आलम यह है कि आज तक गांव के विकास को लेकर न तो जनप्रतिनिधियों ने रुचि दिखायी और न ही प्रखंड व जिला प्रशासन ने. घोर उदासीनता का आलम यह है कि गांव को जानेवाली मुख्य सड़क पर नाली का पानी बहता रहता है.
और गांव के ग्रामीण उसी कीचड़मय सड़क से गुजरने को मजबूर है. इतना ही नहीं आये दिन राहगीर सड़क पर गिर कर चोटिल भी होते रहते है. गांव में नाली निर्माण नहीं होने से नाली का पानी जगह-जगह जमा हो जाता है. जिससे मच्छरों का प्रकोप का शिकार ग्रामीण होते रहते है. गांव में मच्छरों का आतंक व गंदगी से मलेरिया, हैजा, डायरिया के कहर भी झेलने को ग्रामीण मजबूर है.
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