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झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 : संताल परगना की 16 सीटों पर औसतन 70% होती है वोटिंग
पिछले तीन चुनाव से तीन सीटों बरहेट, लिट्टीपाड़ा व शिकारीपाड़ा पर झामुमो का रहा है कब्जा संताल परगना की 16 सीटों पर 20 दिसंबर को यानी आज मतदान जारी है. पूर्व में दो सीटों (देवघर व मधुपुर) पर चौथे चरण में मतदान हो चुका है. अब 16 सीटों में नौ सामान्य और सात आरक्षित (एसटी) […]
पिछले तीन चुनाव से तीन सीटों बरहेट, लिट्टीपाड़ा व शिकारीपाड़ा पर झामुमो का रहा है कब्जा
संताल परगना की 16 सीटों पर 20 दिसंबर को यानी आज मतदान जारी है. पूर्व में दो सीटों (देवघर व मधुपुर) पर चौथे चरण में मतदान हो चुका है. अब 16 सीटों में नौ सामान्य और सात आरक्षित (एसटी) सीट हैं. संताल परगना में वोटिंग ट्रेंड की बात करें तो यहां की ज्यादातर सीटों पर 60 प्रतिशत से अधिक मतदान का ट्रेंड रहा है. 2014 में पाकुड़ में 80 प्रतिशत वोट पड़े थे. बरहेट, राजमहल, लिट्टीपाड़ा, महेशपुर, शिकारीपाड़ा, नाला, जामा, जरमुंडी, जामताड़ा और सारठ जैसी सीटों पर 70 प्रतिशत से अधिक वोट पड़ने का ट्रेंड रहा है. प्रस्तुत हैहमारे प्रमुख संवाददाता सुनील चौधरी की रिपोर्ट.
16 सीटों में भाजपा के पास छह (रणधीर सिंह समेत), झामुमो के पास छह, कांग्रेस के पास तीन और झाविमो के पास है एक सीट
इन दिग्गजों की सीटों पर नजर
पांचवें चरण में बरहेट व दुमका (हेमंत सोरेन), दुमका (लुईस मरांडी), पोड़ैयाहाट (प्रदीप यादव) और सारठ (रणधीर कुमार सिंह) पर लोगों की नजर रहेगी कि परिणाम क्या होता है.
बड़े अंतर वाली सीटें
बरहेट, लिट्टीपाड़ा, शिकारीपाड़ा, महागामा और गोड्डा सीट में बड़े अंतर से जीत या हार होती है. पिछली बार इन सीटों पर 15 प्रतिशत से अधिक के अंतर से जीत-हार हुई थी. वहीं कई सीटें ऐसी भी हैं, जहां एक-दो फीसदी वोट खिसकने से ही परिणाम उलट सकता है. इसमें राजमहल, बोरियो, महेशपुर, दुमका, जामा और जरमुंडी हैं.
भाजपा, झामुमो कांग्रेस और झाविमो में होती रही है टक्कर
इन 16 सीटों में प्राय: भाजपा, झामुमो, कांग्रेस और झाविमो में टक्कर होता रहा है. वर्तमान में पांच सीटें भाजपा के पास, छह झामुमो, तीन कांग्रेस और दो सीटें झाविमो के पास हैं. 2014 में सारठ से झाविमो के विधायक रणधीर कुमार सिंह पाला बदल कर भाजपा में चले गये थे.
सीट वाइज देखा जाये तो राजमहल में पिछले तीन चुनाव में भाजपा दो बार और एक बार कांग्रेस जीती है. पिछली बार भाजपा की जीत मात्र 0.36 प्रतिशत वोट के अंतर से हुई थी. इसी तरह बोरियो से भाजपा दो बार तो झामुमो एक बार जीता है. यहां भी काफी नजदीकी लड़ाई होती है. पिछली बार भाजपा ने 0.46 प्रतिशत वोट के अंतर से जीत दर्ज की थी.
बरहेट, लिट्टीपाड़ा और शिकारीपाड़ा ऐसी सीटें हैं, जहां से झामुमो लगातार जीता है. प्रदीप यादव पोड़ैयाहाट से लगातार तीन बार से जीत रहे हैं. यहां से उन्होंने एक बार भाजपा और दो बार झाविमो के टिकट पर चुनाव जीता है. दुमका और बरहेट से झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन चुनाव लड़ रहे हैं. दुमका सीट से वह 2009 में विधायक थे, पर 2014 में यहां हार गये थे और भाजपा की लुईस मरांडी ने जीत दर्ज की थी.
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