आठ बीघा जमीन के विवाद में हंसडीहा के बलवारा में हुई थी वारदात
दुमका कोर्ट : दुमका के चतुर्थ अपर जिला व सत्र न्यायाधीश देवाशीष महापात्रा ने हंसडीहा थाना क्षेत्र के बलवारा गांव में नौ साल पहले जमीन विवाद में हुई हत्या मामले में 23 आरोपियों को दोषी करार देते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनायी है.
इनमें पवन चौधरी, अंचित इसर, दीपक राउत, नंदलाल राउत, शिवशरण राउत, ठाकुरदेव राउत, अनिरुद्ध राउत, सुदर्शन राउत, वंशराज राउत, काटून राउत, परशुराम राउत, अंग्रेजी राउत, अविनाश राउत, भगलू राउत, नकुल राउत, कांति देवी, दुलारी देवी, कमली देवी, जूली देवी, रीता देवी, कारी देवी, फूलवती देवी व कल्याणी देवी शामिल हैं.
सभी को धारा 302 व 149 के तहत आजीवन कारावास व एक-एक हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनायी है, जबकि 307 व 149 में सात साल की सजा और एक-एक हजार रुपये जुर्माना किया गया है. जुर्माने की रकम नहीं देने पर एक-एक साल अतिरिक्त कारावास भुगतान पड़ेगा. केस में अभियोजन ने 15 गवाहों को प्रस्तुत किया. अभियोजन पक्ष से लोक अभियोजक अबध बिहारी सिंह ने, जबकि बचाव पक्ष से अधिवक्ता राजीव नयन प्रसाद ने मुकदमे की पैरवी की.
दोनों पक्ष कर रहे थे दावा, खुद को बता रहे थे उत्तराधिकारी
जमीन विवाद में एक पक्ष जहां खुद को सेटलमेंट के आधार पर उत्तराधिकारी बता रहा था, तो दूसरा पक्ष कह रहा था कि उनके पास अनुमंडल व आयुक्त के न्यायालय का फैसला था. वहीं तीन दिन पहले इसी विवाद में दूसरे पक्ष को इसी अदालत ने 27 नवंबर को मारपीट के मामले में तीन-तीन साल की सजा सुनायी थी.
क्या था पूरा मामला
हंसडीहा के बनवारा गांव के दिलीप कुंवर ने मामला दर्ज कराया था. प्राथमिकी के मुताबिक 18 नवंबर 2010 को जब वह अपनी जमीन पर धान काटने गये थे, तभी आरोपी हथियारों से लैस होकर जबरन धान काटने लगे. संघर्ष में घायल सत्यनारायण कुंवर के सिर पर चोट लगी थी, जिनकी बाद में मौत हो गयी.