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तेजस्विनी मिलनोत्सव में जुटीं 10000 किशोरी व युवतियां, हर तेजस्विनी क्‍लब को 20-20 हजार देगी सरकार

संवाददाता, दुमका महिला बाल विकास एवं समाज कल्याण मंत्री डॉ लोइस मरांडी ने ऐलान किया है कि सरकार प्रत्येक तेजस्विनी क्लब को 20-20 हजार रुपये उनके खाते में प्रदान करेगी, ताकि वे अपनी गतिविधियों को विस्तार दे सकें. खेलकूद सहित अन्य चीजों में उसकी उपयोगिता सुनिश्चित कर पाएं. उन्होंने कहा कि राज्य में यह पहली […]

संवाददाता, दुमका

महिला बाल विकास एवं समाज कल्याण मंत्री डॉ लोइस मरांडी ने ऐलान किया है कि सरकार प्रत्येक तेजस्विनी क्लब को 20-20 हजार रुपये उनके खाते में प्रदान करेगी, ताकि वे अपनी गतिविधियों को विस्तार दे सकें. खेलकूद सहित अन्य चीजों में उसकी उपयोगिता सुनिश्चित कर पाएं. उन्होंने कहा कि राज्य में यह पहली बार हुआ है कि जब किसी सरकार का पूरा ध्यान जन्म लेने वाली बालिकाओं से लेकर किशोरी, युवतियों और महिलाओं के साथ-साथ वृद्धा पर है और सभी के लिए अलग-अलग योजनायें चलायी जा रही हैं.

उपराजधानी दुमका के बिरसा मुंडा आउटडोर स्टेडियम में तेजस्विनी मिलनोत्सव में जुटी 10000 से अधिक किशोरियों-युवतियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं के सम्मान के लिए निरंतर कार्य कर रही है. महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त कर सरकार उन्हें आत्मनिर्भर बनाना चाहती है. कहा कि सरकार का मानना है कि समाज का सर्वांगीण विकास तभी हो सकता है जब महिलाएं सशक्त बनेंगी.

मुख्यमंत्री सुकन्या योजना एवं मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के माध्यम से सरकार एक बेटी पर 70000 रुपये खर्च कर रही है, ताकि वह शिक्षित एवं आत्मनिर्भर हो सकें. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के माध्यम से सरकार ने महिलाओं को धुआं से मुक्ति दिलाने का कार्य किया है. 1 रुपये में उनके लिए जमीन की रजिस्ट्री की व्यवस्था की है.

मंत्री ने कहा कि समाज को बेहतर बनाने के लिए नारी को आगे आने की आवश्यकता है. सरकार ने तेजस्विनी परियोजना की शुरुआत इसलिए की, ताकि महिलाएं सशक्त एवं शिक्षित होकर समाज को सही दिशा में ले जाने का कार्य करें. उन्होंने कहा कि 2 साल पहले मुख्यमंत्री ने इस योजना की शुरुआत की थी. आज इसका लाभ लोगों को पता चल रहा है. महिलाएं शिक्षित और सशक्त हो रही हैं.

उन्होंने कहा कि बेटियों का सर्वांगीण विकास करके ही एक बेहतर समाज, बेहतर राज्य एवं बेहतर राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि आज की किशोरियां ही कल मां बनेंगी. कई तरह की जिम्मेदारी को निभायेंगी. इसके वे पोषण पर ध्यान दें. पौष्टिक आहार का सेवन करें. आंगनबाड़ी केंद्र में किशोरियों-महिलाओं से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी जाती है. आप उसका लाभ उठाएं.

उन्होंने कहा कि आज झारखंड कुपोषण से लड़ाई लड़ रहा है. सभी को जागरूक होना होगा ताकि राज्य से कुपोषण को दूर भगाया जा सके. उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे को ध्यान में रखते हुए तेजस्विनी परियोजना के माध्यम से बेटियों को पढ़ाने और बचाने का कार्य किया जा रहा है. अपनी समस्याओं से लड़ने के लिए सशक्त किया जा रहा है.

तेजस्विनी का यह नायाब तरीका पूरे देश में बनेगा उदाहरण : पद्मश्री अशोक भगत

विकास भारती के सचिव पद्मश्री अशोक भगत ने कहा कि आजादी को 75 साल हुए हैं और देश में परिवर्तन की लड़ाई लड़ी जा रही है. आज महिलाओं को सशक्त एवं शिक्षित करने का कार्य किया जा रहा है. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ओ और बेटी बढ़ाओ की यह नायाब पहल झारखंड में हुई है, जो पूरे देश में एक उदाहरण बनेगा. उन्होंने इस परियोजना को मंत्री डॉ लोइस मरांडी की देन बताया और कहा कि उन्हीं के प्रयास से यह सबसे पहले दुमका में शुरू हुआ.

उन्होंने कहा कि बेटियों का कोई धर्म एवं जाति नहीं होता है. वे समाज के लिए प्रेरणा हैं. यही बेटियां गांव में नशामुक्ति की पहल कर रही हैं. असना गांव इसका उदाहरण बना है. उन्होंने कहा कि सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए कई कार्य किए हैं. आज ग्रामीण क्षेत्रों में भी बिजली-सड़क-पानी आदि की समुचित व्यवस्था की गई है. सरकार लोगों को गांव में रोजगार उपलब्ध कराने का कार्य कर रही है ताकि उन्हें पलायन कर किसी और क्षेत्र में जाकर कार्य नहीं करना पड़े.

उन्होंने नये भारत के निर्माण की बात कही. कहा कि जब तक हर हाथ में काम और व्यक्ति के पास ज्ञान नहीं होगा, तबतक विकास के पथ पर अग्रसर नहीं होंगे. उन्होंने आदिवासी संस्कृति की चर्चा करते हुए कहा कि आदिवासी संस्कृति महान है. देश इसे समझना चाहता है. आदिवासी सशक्त हैं. उनकी हाथों में ताकत है. वे कौशलयुक्त हैं तथा देश को बदलने की क्षमता रखते हैं.

दुमका में स्थापित हुए हैं 1078 तेजस्विनी क्लब

तेजस्विनी के परियोजना निदेशक डॉ डीके सक्सेना ने कहा कि तेजस्विनी परियोजना एक महत्वकांक्षी परियोजना है, जिसके माध्यम से किशोरियों एवं युवतियों को शिक्षा एवं कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है. ताकि उनका आर्थिक एवं सामाजिक विकास हो सके. उन्होंने कहा कि दो आंगनबाड़ी केंद्र को मिलाकर 1078 तेजस्विनी क्लब स्थापित किये गये हैं. प्रत्येक क्लब में एक युवा उत्प्रेरक पदस्थापित किया गया है.

दुमका, जामा तथा मसलिया प्रखंड के 32080 किशोरी एवं युवतियों का पंजीयन किया गया है. उन्होंने बताया कि 11 नवंबर से इन तेजस्विनी को जीवन कौशल शिक्षा दी जायेगी. अधिकार बताये जायेंगे. उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने की पहल होगी. डॉ सक्सेना ने कहा कि तब किशोरियों-युवतियों को सशक्त बनाया जायेगा, उर्जावान बनाया जायेगा, तो वे अपने परिवार ही नहीं, गांव-समाज को सशक्त बनाने में महती भूमिका निभायेंगी.

राज्य खाद्य मिशन की सदस्य रंजना चौधरी ने तेजस्विनी किशोरी-युवतियों से अपील की कि वे चेंज एजेंट के तौर पर खुद को पहले बदलें, फिर अपने परिवार, समाज में बदलाव लाने के लिए काम करें. मौके पर कौशल मिशन की पदाधिकारी अर्चना तथा जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्वेता भारती मौजूद थीं.

तेजस्विनी किशोरी व युवतियों ने लगाये नारे, हम फूल नहीं चिंगारी हैं, भारत की नारी हैं

पहली बार दुमका में किसी आयोजन में 14 से 24 साल की किशोरियों-युवतियों की इतनी भारी भीड़ दुमका में जुटी थी. तेजस्विनी मिलनोत्सव के दौरान ये सभी नारे भी लगा रही थीं. हम फूल नहीं चिंगारी हैं, हम भारत की नारी हैं…, तोड़ो कुपोषण चक्र तोड़ो…, आवाज दो हम एक हैं… हम तेजस्विनी जागरूक बनेंगे. इस अवसर पर अलग-अलग क्लब के द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति भी की गयी.

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