दुमका : जिले के रानीश्वर प्रखंड में बंगाल सीमा से सटे गोविंदपुर गांव के किसानों व ग्रामीणों ने मिल कर बारिश के लिए गांव के दुर्गा मंदिर में मेढ़क की शादी करायी़ ग्रामीणों पूरे रीति-रिवाज व बैंड बाजा के साथ बरात भी निकाली. मेढ़क-मेढ़की को पकड़ कर उसकी शादी करायी गयी. गांव के ग्राम सभाध्यक्ष नव गोपाल मंडल दूल्हे मेढ़क के पिता बने थे, जबकि गांव के एक किसान सनत कुनुई दुल्हन मेढ़की के पिता बने. मेढ़क की शादी में गोबिंदपुर के अलावा आसपास के गांवों के काफी संख्या में लोग पहुंचे थे़ ग्रामीण मेढ़क की शादी कराने के पहले गांव में दुर्गा मंदिर, काली मंदिर व गांव के कार्तिक मंदिर आदि जगहों पर बारिश के लिए पूजा की.
पर आशा के अनुरूप इंद्रदेव की कृपा नहीं हुई तो अंत में बारिश के लिए मेढ़क-मेढ़की की शादी करायी़ सोमवार की देर शाम मेढ़क की शादी कराने के बाद बारिश भी हुई. ग्रामीणों ने बताया कि मान्यता है कि जब लंबे समय से बारिश नहीं होती है़ तब मेढ़क की शादी कराने से बारिश होती है़ गांव में मेढ़क की शादी में बारात में शामिल कई लोगों ने आकर्षक झांकियां भी निकाली थी. भूत-बैताल बनकर भी बरात में लोग शामिल हुए थे.
बारिश के अभाव में खेत में पड़े हैं धान के बिचड़े : इस साल कम बारिश होने के कारण गोबिंदपुर व आसपास के गांवों में लगभग 50 प्रतिशत धानरोपनी हो सकी है़ निचले हिस्से की जमीन में किसान धान रोपनी कर चुके थे़ उसके बाद मोटर लगा कर धान रोपनी की. ग्रामीणों ने ईश्वर की शरण में गांव में पूजा पाठ शुरू की, फिर भी देवता मेहरबान नहीं हुए. थक कर मेढ़क की शादी करायी़ वर्षों से पहले पंचायत के कुछ गांवों में मयुराक्षी नदी किनारे उदवाह सिंचाई योजना के तहत किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो पाता था़
क्या कहते हैं किसान
मान्यता है कि लंबे समय से वारिश नहीं होने पर मेढक की शादी कराने पर बारिश होती है़ इसलिए ग्रामीण पहले गांव के विभिन्न मंदिरों में देव देवियों की पूजा की.
नव गोपाल मंडल
गांव के लगभग सभी किसानों का 50 प्रतिशत ही धान रोपनी हो सकी है़ यहां के ग्रामीण खेती पर ही निर्भर हैं. गांव के सभी टांड़ जमीन बंजर पड़ी है़
सनत कुनइ
14 बीघा जमीन में से किसी तरह सात बीघे में खेती कर पाये हैं. धान रोपनी के बाद लंबे समय से बारिश नहीं होने से धान का पौधे पीला पड़ रहा था़
आनंद राय, किसान, चांपाफुली
मेरा 12 बी जमीन है़ किसी तरह छह बीघे जमीन पर खेती कर पाये हैं. डीजल खरीद कर मशीन चलाकर फसल बचा रहे हैं.
प्रवीर मांझी
गांव से नजदीक ही मयुराक्षी नदी है़ सरकार मोटर लगा कर किसानों को सिंचाई उपलब्ध करा सकती है़ इसके लिए सरकार को पहल करनी चाहिए़