विद्यासागर : करमाटांड़ प्रखंड स्थित नंदनकानन मलियाबागान में चल रहे रामकथा के पांचवें दिन (सोमवार) की कथा श्री महंत शरण के नेतृत्व में रामायण पाठ व आरती के साथ प्रारंभ हुई. उसके बाद श्रोताओं को संबोधित करते हुए कथा व्यास श्री हित ललित बल्लव नागाचार्य ने कहा कि आखिर परमात्मा को धरती पर आने की आवश्यकता क्यों पड़ती है. कहा जब- जब होई धरम की हानि, बाढ़ै असुर अधम अभिमानी, तब- तब प्रभु धरि विविध शरीरा, हरि कृपा निधि सज्जन पीरा.
अभिमानी अत्याचारी राक्षस के प्रकोप, ऋषि मुनियों के उद्धार, गौ माता की रक्षा हेतु आजा भगवान राजा दशरथ के घर तीनों रानियों की कथा को संबोधित करते हुए कहा कि जब राजा दशरथ के यहां कोई पुत्र नहीं होने पर उन्होंने अपनी कुल गुरु गुरु वशिष्ठ से कह कर पुत्रेष्टि यज्ञ करवाया गया था. उस यज्ञ की प्रसाद पाने के बाद माता कौशल्या, सुमित्रा एवं केकई के गोद भर गए और उसी दिन से राजा दशरथ के आंगन में चहल-पहल होने लगी.
इस प्रकार दिनों दिन बीतने के बाद नवमी तिथि को भगवान कौशल्या माता के उदर श्री रामचंद्र सुमित्रा माता के उदर लक्ष्मण एवं केकई से शत्रुघ्न और भरत का जन्म उत्सव की कथा को सुनाया गया. कौशल्या की भूमिका निभाने वाली राधा गुप्ता, सुमित्रा की संगीता देवी, केकई की भूमिका मुन्नी देवी. वहीं राजा दशरथ की भूमिका निभाने वाले दीपक कुमार गुप्ता थे. कथा के सफल संचालन में श्री महंत किशोरी शरण मारूति संघ के शिवनाथ यादव, सुदामा यादव, कुंदन यादव, सुनील यादव, रविंद्र यादव, विक्की यादव, रामदेव यादव, देवांग समिति के बल राम सा विमल जायसवाल, अनिल गुप्ता, रमेश साह, गौतम शर्मा, मितेश साह, चंद्रशेखर यादव, राजेंद्र मंडल, मोहन साह, हीरालाल रवानी, रामजी साह, सुकेश कुमार, कमल यादव, अवधेश रवानी, दुर्योधन यादव, शिया गुड़िया शरण, ममता मंडल, रंजू देवी, मोनिका साह, इंद्रमणी देवी, गायत्री साह, मनोज मंडल, दीपक गुप्ता, रामदेव रवानी, सुभाष शर्मा, आशिष शादी की सराहनीय भूमिका रही.