लापरवाही. किसानों को नहीं मिल रहा याेजनाओं का लाभ, बर्बाद हो रही जनता की गाढ़ी कमाई
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कहीं डोलोमाइट तो कहीं सड़ रहे जैविक खाद
लापरवाही. किसानों को नहीं मिल रहा याेजनाओं का लाभ, बर्बाद हो रही जनता की गाढ़ी कमाई जरमुंडी में भी ऐसे ही मामले आये थे सामने प्रभात खबर ने प्रमुखता से उठाया था मुद्दा दुमका : लगभग छह सौ रुपये क्विंटल की दर पर झारखंड सरकार जिस डोलोमाइट की खरीदारी करती है, वह किसानों के खेतों […]
जरमुंडी में भी ऐसे ही मामले आये थे सामने
प्रभात खबर ने प्रमुखता से उठाया था मुद्दा
दुमका : लगभग छह सौ रुपये क्विंटल की दर पर झारखंड सरकार जिस डोलोमाइट की खरीदारी करती है, वह किसानों के खेतों तक नहीं पहुंचता है और रखे-रखे ही बेकार होता जाता है. कुछ महीने पहले जरमुंडी प्रखंड परिसर में डोलोमाइट वर्षों से रखे जाने की बात प्रभात खबर ने संज्ञान में लाया था. अब जिले के गोपीकांदर प्रखंड में किसानों को उपलब्ध कराने के लिए भिजवाये गये डोलोमाइट वहां के प्रखंड तकनीकी प्रबंधक कार्यालय के बरामदे में ही पड़े रहने का मामला सामने आया है. महीनों गुजर जाने के बाद भी किसानों को डोलोमाइट के पैकेट उपलब्ध नहीं कराये गये हैं. अब स्थिति यह हो गयी है कि अधिकांश की पैकिंग सड़ने लगी है और उसे ले जाने के लिए भी किसानों को भारी फजीहत झेलनी होगी. यही हाल जिला कृषि कार्यालय का भी है, जहां लंबे अरसे से भी डोलोमाइट के कई पैकेट रखे हुए हैं.
प्रत्यक्षण के लिए मंगवाया जाता है डोलोमाइट
जानकारी के मुताबिक कृषि महकमा डोलोमाइट उन किसानों को उपलब्ध कराता है, जो अपने खेत में प्रत्यक्षण के लिए फसल लगाते हैं या जिनका चयन विभाग द्वारा किया जाता है. ऐसे किसानों को नि:शुल्क ही डोलोमाइट उपलब्ध कराने का प्रावधान है.
अम्लीयता होती है खत्म, नमी रखने में लाभदायक
चूने की तरह दिखने वाले डोलोमाइट की खूबी यह है कि यह मिट्टी में अम्लीयता को तो खत्म करता ही है, उसमें नमी धारण करने की क्षमता भी बढ़ाता है. इससे किसानों को अधिक उपज भी मिलती है तथा मिट्टी में पोषक तत्वों का संतुलन भी बना रहता है. इससे उपज प्रभावित नहीं होती है और उर्वरक क्षमता बनी रहती है.
बोले परियोजना निदेशक
डोलोमाइट किसानों को वितरित किये जाने के लिए भेजा गया था. अगर गोपीकांदर के बीटीएम ने उसे वितरित नहीं कराया है, तो यह गंभीर बात है. इसे वितरित कर बीटीएम पर कार्रवाई होगी. किसानों को डोलोमाइट मिले, कलस्टर प्वाइंट तक उसे भिजवाया जायेगा.
– डॉ दिवेश कुमार सिंह, परियोजना निदेशक, आत्मा
डीएओ ने कहा
कृषि कार्यालय परिसर में जो डोलोमाइट रखा हुआ है, वह बहुत पहले से रखा हुआ है. यह कब आया था, हमें जानकारी नही है. यह खराब नहीं होता. हमलोग इसका उपयोग कराने का प्रयास करेंगे. आनेवाले समय में जब भी डोलोमाइट मंगवाया जायेगा, वह किसानों तक पहुंचे, ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित होगी.
– सुरेंद्र सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी
जैविक खाद के भी फेंके मिले पैकेट
गोपीकांदर के बीटीएम कार्यालय के सामने जैविक खाद के भी पैकेट फेंके हुए हैं. जैविक खाद भी किसानों को उपलब्ध कराने के लिए ही बीटीएम को उपलब्ध कराया जाता है. डोलोमाइट का ससमय वितरण न होना तथा जैविक खाद के पैकेट का बाहर फेंका रहना खुद में अनियमितता को लेकर बड़े सवाल की ओर इंगित करता है.
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