दुमका : दुमका प्रखंड के भुरकुंडा पंचायत के अंतर्गत चापाकांदर गांव अभी भी चारों तरफ सड़क से नहीं जुड़ पाया है. चापाकांदर की जनसंख्या करीब 500 है. बुड़ियारी-उपर टोला गांव से चापाकांदर गांव तक अब तक सड़क का निर्माण नहीं हुआ है. सड़क के नाम पर बड़े-बड़े बोल्डर बिछे हुए हैं. जिस कारण आये दिन दुर्घटना होती रहती है.
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अगले चुनाव में वोट बहिष्कार का ऐलान
दुमका : दुमका प्रखंड के भुरकुंडा पंचायत के अंतर्गत चापाकांदर गांव अभी भी चारों तरफ सड़क से नहीं जुड़ पाया है. चापाकांदर की जनसंख्या करीब 500 है. बुड़ियारी-उपर टोला गांव से चापाकांदर गांव तक अब तक सड़क का निर्माण नहीं हुआ है. सड़क के नाम पर बड़े-बड़े बोल्डर बिछे हुए हैं. जिस कारण आये दिन […]
इससे ग्रामीणों और आम लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि जितने नुकीले बोल्डर बिछाये गये थे, उससे तो अच्छा कच्ची पगडंडी ही होती. कहा : गांव में स्थित उच्च विद्यालय को उत्क्रमित कर +2 कर दिया गया है. जिसमें करीब 900 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं, जो कोरैया, शिवाडीह, सिंहनी, कड़बिंधा, सुसनिया, भीखा, गरडी, चैनपुर, मकरो, कारीकादर आदि गांव से आते हैं. पैदल व साइकिल से आने वाले ये छात्र-छात्रायें गिर-पड़कर चोटिल होते रहते हैं. ग्रामीणों ने कहा जन प्रतिनिधि और राजनीतिक दल सिर्फ चुनाव के समय सुधि लेने आते हैं.
इसलिए इस बार उनलोगों ने सड़क के निर्माण का आश्वासन नहीं सड़क का निर्माण कराने की ठानी है, इसलिए वे चुनाव से पहले सरकार पर जन दवाब डालेंगे. फिर भी सड़क नहीं बनी, तो वोट का बहिष्कार भी करेंगे. ग्रामीणों ने कहा कि क्षेत्र की जनप्रतिनिधि मंत्री डॉ लोइस मरांडी को भी कई बार सड़क से संबंधित समस्या से अवगत कराया गया, लेकिन अब तक सड़क का निर्माण नहीं हुआ. दयामय सेन, उज्जवल दे, नयन बैरा, नयन दत्त, प्रकाश दत्त,
शंभू सेन, निताय दत्त, देवाशीष दत्त, रमेश मिर्धा, संजय दे, सुरेंद्र राणा, बिन्दुलाल मंडल, संजय दे, सुरेश मंडल, रोबिन मरांडी, राम मरांडी, गोपी रॉय, कृष्णा मिर्धा, दुलर मरांडी, रूपलाल मिर्धा आदि ग्रामीण ने कहा कि उनलोगों ने 181 मुख्यमंत्री जन संवाद केंद्र पर भी शिकायत दर्ज करानी चाही, लेकिन फोन लगता ही नहीं है. ग्रामीणों ने निर्णय लिया है अगर अबकी बार सड़क का निर्माण नहीं कराया जाता है तो आगामी चुनाव में वोट का बहिष्कार किया जायेगा.
कहते हैं ग्रामीण
जनप्रतिनिधि चुनाव के समय इस सड़क की दुर्दशा देखकर जाते हैं और कहते हैं जीतने के बाद सड़क बना दिया जायेगा. लेकिन जीतने के बाद कोई भी प्रतिनिधि इस ओर ध्यान नहीं देते.
सपन सेन, ग्रामीण.
नेताओं-जनप्रतिनिधियों को अपना चुनावी वादा पूरा करना चाहिए. क्षेत्र के सांसद-विधायक का इस तरह की समस्या के प्रति गंभीर न रहना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है.
धीरेन सेन, ग्रामीण.
सड़क नहीं बनने के कारण ग्रामीणों, आम लोगों के साथ यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को भी काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. सड़क से ही विकास गांव तक पहुंचेगा.
सूरज कुमार मंडल, ग्रामीण
सड़क की दुर्दशा जगजाहिर है. मैं खुद एक बार हादसे का शिकार बन चुका हूं. इस राह पर सफर कितना कठिन है, मूझे इसका अहसास है. बिना विलंब किये सड़क बनाने की पहल हो.
गौर दे, ग्रामीण.
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