Dhanbad News: लिंडसे क्लब में शिल्पे अनन्या त्रैमासिक बंगला पत्रिका द्वारा आयोजित तीन दिवसीय चतुर्थ लघु पत्रिका मेला सह सम्मेलन के दूसरे दिन शनिवार को सुबह प्रभात फेरी निकाली गयी. इसमें साहित्यकार विभिन्न स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर चल रहे थे. तख्तियों पर एक किताब जितना वफादार कोई दोस्त नहीं, तुम किताबों के सामने झुक जाओ- यह तुम्हारे सामने दुनिया झुका देगी, किताब पढ़ना हमें अकेले में, विचार करने की आदत सच्ची खुशी देती है आदि स्लोगन लिखे हुए थे. प्रभात फेरी में नौ राज्यों से आये साहित्यकारों, लेखक, कवि शामिल हुए. प्रभात फेरी लिंडसे क्लब से मुख्य डाक घर होते हुए, रणधीर वर्मा चौक से पुन : लिंडसे क्लब पहुंची. मौके पर आयोजन समिति के अध्यक्ष सह शिल्पे अनन्या के संपादक प्रो दीपक कुमार सेन ने कहा कि मेरे जीवन का सपना है, लोगों को हमेशा पुस्तक के साथ जोड़े रखना. समिति के सचिव भारत ज्ञान विज्ञान समिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ काशी नाथ चटर्जी ने कहा कि मेला का मकसद किताब से दूरी बनाने वाले को पुनः किताब से जोड़ना है.
दूसरे दिन मुख्य अतिथि थे निरसा विधायक
दूसरे दिन के आयोजित सत्र के मुख्य अतिथि निरसा विधायक अरूप चटर्जी थे. आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रो डॉ दीपक कुमार सेन व सचिव डॉ काशी नाथ चटर्जी ने उनका स्वागत किया. मौके पर विधायक अरूप चटर्जी ने कहा कि वर्तमान समय में स्मार्ट फोन व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने सामाजिक व पारिवारिक जीवन को बिखराव के कगार पर ला खड़ा किया है. कार्यक्रम के प्रथम सत्र में लघु पत्रिकाओं पर परिचर्चा हुई. मौके पर राज नारायण तिवारी ने कविता प्रस्तुत की. प्रो बीजी मजूमदार ने कहा कि साहित्य के क्षेत्र में लोगों का रुचि बहुत कम होती जा रही है. मौके पर उदय किरोला (उत्तराखंड ), डॉ मृणाल, अंजन भट्टाचार्य (बिहार), अजय सान्याल, प्रदीप बनर्जी, अभिजीत मान (पश्चिम बंगाल), दिलीप कुमार मिस्त्री, रीता दास गुप्ता, दिलीप वैराग्य, राम चंद्र सिंह, उज्ज्वल दत्ता, अपूर्व राय आदि ने अपने विचार रखे. संतोष कुमार महतो व राज नारायण तिवारी (धनबाद) हिंदी गीत “हम मेहनत करके जीने वाले-जागो मजदूर किसान ” प्रस्तुत किया. सत्र का संचालन प्रो वरुण सरकार द्वारा किया गया.
महिला लेखिका की चुनौतियां पर परिचर्चा
दूसरे सत्र में वर्तमान समय में महिला लेखिका की चुनौतियों विषय पर परिचर्चा की गयी. कार्यक्रम की अध्यक्षता पंजाब से आयी उर्मिला मोगा ने की. उन्होंने कहा कि लिटिल मैगजीन मेला में साहित्यकारों द्वारा गहन चिंतन किया जा रहा है. हमें कई भाषा सीखनी चाहिए, ताकि हम देश के अलग-अलग हिस्सों में होने वाले साहित्यिक सम्मेलन में भाग ले सकें. मीनाक्षी सांगानेरिया सह संपादक (सदीनामा) ने कहा कि नारी को अपने उत्थान के लिए खुल संबल बनना पड़ेगा. शालिनी सिंह, रीना भौमिक, आइबी चटर्जी, चैताली सान्याल, तनुश्री गोराई, शुभ्रा कोनार, बरनाली गुप्ता ने भी अपने विचार रखे. संचालन गायत्री आचार्या ने किया.
पढ़ने की संस्कृति व जनवाचन पर हुई परिचर्चा
तीसरे सत्र में पढ़ने की संस्कृति और जन वाचन विषय पर परिचर्चा में शामिल अमिताभ दास, तापस भट्टाचार्य, समीर भट्टाचार्य, बासुदेव मंडल, संजय पाल, डॉ ब्रज गोपाल मजूमदार, पंकज श्रीवास्तव, हेमंत कुमार जायसवाल, पूर्णेंदू घोष ने अपना विचार रखा. संचालन ज्ञान विज्ञान समिति झारखंड के अध्यक्ष शिव शंकर प्रसाद द्वारा किया गया.
युवा लेखक और वर्तमान परिवेश पर परिचर्चा : चौथे सत्र में युवा लेखक और वर्तमान परिवेश विषय पर पर परिचर्चा की गयी. रूपेश कुमार, अरिंदम चंद्र, अभिषेक दे, अतनु मिश्रा, व्रतीन देवधारिया, निवारुन मलिक, अनवर बसु, अरूप गंगोपाध्याय ने अपने विचार रखे. वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान परिवेश में युवा लेखकों की जिम्मेवारी अधिक है. साहित्य समाज का दर्पण है. इसे हमें समझना होगा. मौके पर स्मारिका का विमोचन किया गया. संचालन विकास कुमार ठाकुर द्वारा किया गया. संध्या में सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद सत्र का समापन हुआ.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है