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राजकमल: अभिभावकों ने जानी मूल्यांकन की नयी पद्धति, प्राचार्य ने कहा आपसी तालमेल से ही बच्चों का विकास

धनबाद: बच्चों के विकास में माता-पिता, शिक्षक, विद्यालय का वातावरण एवं साधन-संसाधन की बड़ी भूमिका होती है. इसी आपसी तालमेल से बच्चों का बहुमुखी विकास होता है. घर पर सजग अभिभावक एवं विद्यालय में शिक्षक बच्चों को लक्ष्य तक पहुंचाते हैं. ये बातें गुरुवार को राजमकल सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित कक्षा दशम विद्यार्थियों के […]

धनबाद: बच्चों के विकास में माता-पिता, शिक्षक, विद्यालय का वातावरण एवं साधन-संसाधन की बड़ी भूमिका होती है. इसी आपसी तालमेल से बच्चों का बहुमुखी विकास होता है. घर पर सजग अभिभावक एवं विद्यालय में शिक्षक बच्चों को लक्ष्य तक पहुंचाते हैं. ये बातें गुरुवार को राजमकल सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित कक्षा दशम विद्यार्थियों के अभिभावक गोष्ठी में विद्यालय के प्राचार्य राजेश कुमार सिंह ने कही. गोष्ठी में 250 अभिभावक शामिल थे.
प्राचार्य श्री सिंह ने कहा कि 2017-18 सत्र में मूल्यांकन की नयी पद्धति को जानना, समझना अति आवश्यक है. नयी मूल्यांकन पद्धति को समझने समझाने के उद्देश्य से ही कक्षा दशम के विद्यार्थियों के अभिभावक गोष्ठी हुई. उन्होंने कहा कि विद्यालय की प्रबंधकारिणी समिति विद्यालय के लिए अनिवार्य एवं अत्याधुनिक संसाधन जुटाने में तत्पर रहती है.
…जड़मति होत सुजान : गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए विद्यालय के अध्यक्ष श्याम सुंदर चौधरी ने अभिभावकों एवं शिक्षकों का मार्गदर्शन किया. उन्होंने कहा कि ‘करत करत अभ्यास, जड़मति होत सुजान’ पाठ का उल्लेख करते हुए विद्यार्थियों को निरंतर अभ्यास के लिए प्रेरित किया.
विद्यार्थी का धैर्यवान होना जरूरी : विद्यालय के उपाध्यक्ष शंकर दयाल बुधिया ने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में विद्यार्थी को धैर्यवान होना अति आवश्यक है, उन्हें किसी भी स्थिति में धैर्य नहीं खोना है. उन्होंने आगे कहा कि कक्षा 10वीं की पढ़ाई उच्चतर शिक्षा की आधारशिला है, इसलिए इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है.
स्लाइड शो से दी जानकारी : कार्यक्रम में संगणक शिक्षक शिवचरण गुप्ता ने स्लाइड के माध्यम से सत्र 2017–18 में सीबीएसइ द्वारा लागू नयी मूल्यांकन पद्धति के बारे में जानकारी दी. गोष्ठी में उप प्राचार्य मनोज कुमार, गणित के आनंद मोहन दास, अजय किशोर झा, आशुतोष कुमार श्रीवास्तव, अंगरेजी के कमलाकांत मिश्र, सुधीर कुमार, रीना बाला पासवान, विज्ञान के रवींद्र कुमार झा, राजेश कुमार, विभूति प्रसाद सिंह, तापस कुमार घोष, अजीत कुमार चौबे, रतीश रंजन मिश्र, संस्कृत के कृष्ण प्रसाद मिश्र, सामाजिक विज्ञान के मिथिलेश कुमार झा, कमल नयन व कृष्णानंद उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन हिंदी के आचार्य संत कुमार श्रीवास्तव ने किया.

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