धनबाद: बैंकों के विलय व निजीकरण के खिलाफ तथा एनपीए रिकवरी पर कारगर कदम उठाने की मांग को लेकर मंगलवार को बैंक कर्मी सड़क पर उतरे. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले स्टेट बैंक धनबाद ब्रांच के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया. सरकार व आरबीआइ गवर्नर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गयी.
यूएफबीइ के संयोजक प्रभात चौधरी ने कहा कि रिजर्व बैंक के गवर्नर व डिप्टी गवर्नर ने पिछले दिनों बयान दिया है कि राष्ट्रीयकृत बैंकों का पुन: निजीकरण किया जाये. वित्त मंत्री ने एनपीए को लेकर बैंकों का विलय करना चाहते हैं. सरकार व रिजर्व बैंक की मंशा ठीक नहीं है. बैंकों का विलय कर बैंक कर्मियों की छंटनी करना चाहती है.
सरकार के मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया जायेगा. सरकार की गलत नीति के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन चलाया जा रहा है. यूनियन की मांग है कि एनपीए रिकवरी के लिए सरकार को कारगर कदम उठाना चाहिए. इसे संघीय अपराध की श्रेणी में लाया जाना चाहिए. न की बैंकों का निजीकरण व विलयीकरण कर कर्मचारियों की छंटनी करनी चाहिए. प्रदर्शन के दौरान सभी नौ यूनियन व एसोसिएशन के प्रतिनिधि थे. इनमें ईश्वर प्रसाद, दिवाकर प्रसाद, आलोक रंजन सिन्हा, एसके विश्वास, सुशील ओझा, एसएन राणा शामिल हैं.
23 को हड़ताल पर निर्णय : सरकार की गलत नीति के विरोध में 23 मई को हड़ताल पर निर्णय लिया जायेगा. इसके पूर्व दस मई से चरणबद्ध आंदोलन शुरू होगा. 10 मई को पोस्टरिंग, 16 मई को प्रदर्शन, 23 मई को बैच बिल्ला लगाकर विरोध दिवस मनाया जायेगा. 23 मई को ही आगे की आंदोलन की रणनीति तैयार की जायेगी.