जरूरत पड़ी तो खुद मजदूरों की मदद भी की. यह यहां के जनप्रतिनिधियों एवं सरकारी एजेंसियों के लिए करारा जवाब है. कॉलोनी के रवि अग्रवाल ने बताया कि कॉलोनी के सभी लोगों के सहयोग से यह काम पूरा हो पाया. इसमें कॉलोनी के शत्रुध्न सिंह, दूबे जी, अखिलेश मिश्र, रविंद्र पांडेय, मिथलेश रजक, सहदेव पांडेय सहित 20-25 लोग दिन-रात एक किये रहे.
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तपोवन कॉलोनी वालों ने कायम की मिसाल
धनबाद : सरकारी दफ्तरों, एजेंसियों का चक्कर लगाते-लगाते थक चुके तपोवन कॉलोनी (सरायढेला) के लोगों ने खुद ही कल्वर्ट बनाने का फैसला किया और देखते-देखते आपसी सहयोग से एक दशक पुरानी समस्या से मुक्ति पा ली. इसके लिए मुहल्ले के लोगों ने चंदा कर 32 हजार रुपया एकत्र किये. फिर ईंट, सीमेंट आदि खरीद कर […]
धनबाद : सरकारी दफ्तरों, एजेंसियों का चक्कर लगाते-लगाते थक चुके तपोवन कॉलोनी (सरायढेला) के लोगों ने खुद ही कल्वर्ट बनाने का फैसला किया और देखते-देखते आपसी सहयोग से एक दशक पुरानी समस्या से मुक्ति पा ली. इसके लिए मुहल्ले के लोगों ने चंदा कर 32 हजार रुपया एकत्र किये. फिर ईंट, सीमेंट आदि खरीद कर कल्वर्ट ढाल दिया.
बरसात में होती थी भारी समस्या : एनएच 32 के किनारे अवस्थित तपोवन कॉलोनी बरसात में नरक बन जाता है. मुहल्लेवासियों का पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है. तेज बारिश हुई तो घरों में पानी घुस जाता है. सांप-बिच्छू घुसने का डर अलग सताता है. कई बार स्थानीय जन प्रतिनिधियों से गुहार लगायी गयी. लोकसभा, विधानसभा, नगर निगम सहित कई चुनाव पार हो गये. लेकिन सिवाय आश्वासन के कुछ नहीं मिला. मुहल्ले के लोगों ने कई बार नगर निगम में भी आवेदन दिया. यहां भी निराशा ही हाथ लगी. थक-हार कर लोगों ने खुद से समस्या के निदान करने का निर्णय लिया. उम्मीद की जा रही है कि आने वाली बरसात में मुहल्ले के लोग राहत का सांस ले सकेंगे.
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