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जांच की पूरी कमान अब डीआइजी के हाथ में , असली कातिल व षडयंत्रकारी तक नहीं पहुंच पायी पुलिस

धनबाद : बगैर शूटरों की गिरफ्तारी व हत्या में प्रयुक्त हथियार की बरामदगी के पुलिस हत्यारों को कोर्ट में कानूनी सजा दिलाने में सफल नहीं हो सकती है. कोयला क्षेत्र के डीआइजी साकेत कुमार सिंह के हाथ हत्याकांड की जांच व कार्रवाई का भार आ गया है. डीआइजी के साथ एसएसपी, सिटी एसपी व डीएसपी […]

धनबाद : बगैर शूटरों की गिरफ्तारी व हत्या में प्रयुक्त हथियार की बरामदगी के पुलिस हत्यारों को कोर्ट में कानूनी सजा दिलाने में सफल नहीं हो सकती है. कोयला क्षेत्र के डीआइजी साकेत कुमार सिंह के हाथ हत्याकांड की जांच व कार्रवाई का भार आ गया है. डीआइजी के साथ एसएसपी, सिटी एसपी व डीएसपी डीएन बंका लगाये गये हैं. अन्य डीएसपी को मामले से अलग रखा गया है.

वैसे पुलिस ने हत्या में नामजद जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू, विधायक के निजी बॉडीगार्ड धनजी सिंह व अनुसेवक संजय सिंह को जेल भेज दिया है. दो विदेशी पिस्टल व 33 गोलियों के साथ विधायक के मामा के साले प्रशांत सिंह, मैंशन के करीबी मोनू सिंह तथा गुपचुप बिक्रेता अशोक महतो को गिरफ्तार किया गया है. प्रशांत का अभी निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है. आरोप है कि पुलिस पिटाई से वह जख्मी है. अशोक व मोनू को पुलिस गुरुवार को ही जेल भेज चुकी है.

शूटरों की तलाश
पुलिस को उन चारों शूटरों की तलाश है, जिन्होंने नीरज समेत चार लोगों को गोलियों से भूना. पुलिस चारों शूटर को कुसुम विहार में गारंटर बनकर मकान दिलाने वाले डबलू मिश्रा को खोज रही है. डबलू का भी सिंह मैंशन से कनेक्शन है. डबलू की गिरफ्तारी की चरचा है, लेकिन पुलिस अफसर इनकार कर रहे हैं. उसकी गिरफ्तारी से शूटरों का नाम ठिकाना व षडयंत्रकारी का पता चल सकेगा. धनजी व संजय का जो स्वीकारोक्ति बयान कोर्ट में दिया गया है, उसमें डबलू मिश्रा के साथ शूटर पंकज व संतोष के नाम का उल्लेख है. संजय व पंकज यूपी, बिहार या झारखंड के हैं, इसकी ठोस जानकारी पुलिस को नहीं है.
एफएसएल जांच के इंतजार में पुलिस
पुलिस विधायक के मामा के साले प्रशांत की विदेशी पिस्टल व गोली बरामद कर इसे नीरज हत्याकांड से जोड़ रही है. हथियार से कब फायरिंग हुई थी, इसकी जांच व घटनास्थल से बरामद खोखा से मिलान होगा. एफएसएल जांच में इसकी पुष्टि होने के बाद मामा की परेशानी बढ़ सकती है. एक सीनियर पुलिस अफसर ने बताया कि प्रशांत व मोनू की गिरफ्तारी व पिस्टल के साथ नाइन एमएम की गोली बरामदगी हत्या से जुड़े होने का एक ठोस साक्ष्य है. पुलिस एफएसएल जांच का इंतजार करेगी. पुलिस की ओर से अभी तक की छानबीन में दावा किया गया है कि धनजी सिंह 21 मार्च की शाम साढ़े छह बजे तक स्टील गेट के समीप घूमते देखा गया था. नीरज की हत्या के बाद धनजी के मोबाइल पर मौके से फोन गया था. धनजी को हत्या के षडयंत्र के बारे में मालूम था. संजय पर पुलिस का आरोप है वह रंजय के दोस्त पंकज व संतोष नामक शूटरों के संपर्क में था. दोनों ने संजय से मिलकर कहा था कि हत्या का बदला लेंगे. दोनों का मोबाइल नंबर भी संजय के पास था. हत्या के बाद पुलिस दबिश के कारण संजय ने दोनों का मोबाइल नंबर अपने फोन से डिलीट कर दिया था.

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