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आंदोलन: अधिवक्ता अधिनियम संशोधन विधेयक 2017 का जोरदार विरोध, पेन डाउन स्ट्राइक पर रहे अधिवक्ता

धनबाद: बार अध्यक्ष श्री गोस्वामी की अध्यक्षता में एससी बनर्जी हॉल में अधिवक्ताओं की बैठक हुई. बैठक में लॉ कमीशन द्वारा प्रस्तावित एडवोकेट एक्ट में संशोधन का जोरदार विरोध किया गया. अधिवक्ता प्रतिदिन की भांति कोर्ट आये, लेकिन केस की पैरवी नहीं की. इसके कारण अदालती कार्य पूर्ण रूप से ठप रहा. हजारों वादों की […]

धनबाद: बार अध्यक्ष श्री गोस्वामी की अध्यक्षता में एससी बनर्जी हॉल में अधिवक्ताओं की बैठक हुई. बैठक में लॉ कमीशन द्वारा प्रस्तावित एडवोकेट एक्ट में संशोधन का जोरदार विरोध किया गया. अधिवक्ता प्रतिदिन की भांति कोर्ट आये, लेकिन केस की पैरवी नहीं की. इसके कारण अदालती कार्य पूर्ण रूप से ठप रहा. हजारों वादों की सुनवाई नहीं होने के कारण सरकार को राजस्व की क्षति हुई.

मौके पर बार महासचिव विदेश कुमार दां, धनेश्वर महतो, अहमद हुसैन अंसारी, ब्रज किशोर कर्ण, अमित कुमार सिंह, आनंद मिश्रा, मुकुल तिवारी, सहदेव महतो, अनिल कुमार दास (रिटायर्ड अपर लोक अभियोजक), भागीरथ राय (जीपी), अमल कुमार महतो, भजन महतो, सुबोध कुमार, वीरेंद्र कुमार रजक, प्रयाग महतो (स्टेट बार काउंसिल सदस्य), राजदेव यादव आदि थे.

विधेयक क्या है कि हो रहा विरोध
: काम में लापरवाही करने, अनुशासन तोड़ने पर वकीलों पर कार्रवाई होगी. वकीलों को उपभोक्ता आयोग के मुताबिक मुवक्किलों को हर्जाना देना होगा. जज या कोई भी न्यायिक पदाधिकारी लापरवाही व अनुशासनहीनता पर वकील का लाइसेंस रद्द कर सकता है. हड़ताल करने पर कार्रवाई या जुर्माना हो सकता है.
उपभोक्ता फोरम ने मेसर्स कृष्णा ऑटो मोबाइल को भुगतान का दिया आदेश
जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष नित्यानंद सिंह सदस्य द्वय पुष्पा सिंह व नरेश प्रसाद सिंह की तीन सदस्यीय पीठ ने शुक्रवार को संयुक्त रूप से एक आदेश पारित कर परिवादी लायकडीह कोलियरी चिरकुंडा निवासी शिवनाथ केवट के पक्ष में फैसला सुनाया. फोरम ने विपक्षी मेसर्स कृष्णा ऑटोमोबाइल असर्फी अस्पताल के पास (बारामुड़ी) धनबाद को सख्त आदेश दिया कि वे साठ दिनों के अंदर परिवादी को छह हजार तिरासी रुपये भुगतान की तिथि से आठ फीसदी वार्षिक ब्याज के साथ भुगतान करे. फोरम ने मानसिक यातना एवं वाद खर्च के रूप में विपक्षी को तीन हजार रुपये का भुगतान परिवादी को करने का आदेश भी दिया.
जानकारी हो कि 31 दिसंबर 13 को परिवादी शिवनाथ केवट ने एक आइएमवी ट्रैक्टर विपक्षी से खरीदा. उसका निबंधन संख्या जेएच 10 एएम 2006 है. ट्रैक्टर का मूल्य 5.48 लाख था, जिसमें निबंधन बीमा का चार्ज भी सम्मिलित है. परिवादी ने गाड़ी क्रय के समय एक लाख का भुगतान किया और शेष राशि यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया से ऋण लिया. जनवरी 2014 में गाड़ी में खराबी उत्पन्न हो गयी. विपक्षी ने गाड़ी को वर्कशॉप में भेजा जहां उसे ठीक किया गया. लेकिन वह स्थायी रूप से ठीक नहीं हुआ. विपक्षी ने परिवादी से 6083 रुपये मरम्मत के रूप में चार्ज किया. गाड़ी कभी भी ठीक से नहीं चली और परिवादी का 40-50 हजार रुपया व्यय हो गया. परिवादी ने विपक्षी से गाड़ी बदल कर दूसरी गाड़ी देने का अनुराध किया. जब विपक्षी ने दूसरी गाड़ी देने से इंकार किया तब परिवादी ने 30मई 15 को विपक्षी को वकालतन नोटिस भेजा.

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