आरटीआइ से मिली जानकारी के अनुसार फिमेल वीआरएस के तहत कोल इंडिया की अनुषंगी इकाई एमसीएल में दो एवं सीएमपीडीआइएल में सात आवेदकों को नियोजन दिया गया. आवेदकों के मुताबिक इतना सबूत देने के बावजूद बीसीसीएल प्रबंधन कुछ सुनने को तैयार नहीं.
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फिमेल वीआरएस मामले में पीएमओ ने किया हस्तक्षेप
धनबाद: फिमेल वीआरएस 2014 संशोधित के तहत मेडिकल में कलर ब्लाइंडनेस के कारण करीब डेढ़ दर्जन आवेदकों को बीसीसीएल प्रबंधन द्वारा नियोजन नहीं दिये जाने का मामला प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) पहुंच गया है. पीएमओ ने कोयला मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार अनिमेष भारती को पत्र लिख कर पूरे मामले में रिपेर्ट तलब की है. आवेदकों ने […]
धनबाद: फिमेल वीआरएस 2014 संशोधित के तहत मेडिकल में कलर ब्लाइंडनेस के कारण करीब डेढ़ दर्जन आवेदकों को बीसीसीएल प्रबंधन द्वारा नियोजन नहीं दिये जाने का मामला प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) पहुंच गया है. पीएमओ ने कोयला मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार अनिमेष भारती को पत्र लिख कर पूरे मामले में रिपेर्ट तलब की है. आवेदकों ने बीसीसीएल प्रबंधन पर जान-बूझ कर नियोजन नहीं देने का आरोप लगाते हुए पीएमओ से लिखित शिकायत की थी.
क्या है मामला: कोल इंडिया प्रबंधन ने साल 2014 के दिसंबर में फिमेल वीआरएस 2014 संशोधित लागू किया . इसके तहत 55 साल पूरा करने वाली महिला कर्मियों को अपने आश्रित पुत्र को नियोजन देने का प्रावधान था. कई आवेदन जमा हुए. साल 2015 में मेडिकल जांच में करीब डेढ़ दर्जन आवेदकों को कलर ब्लाइंडनेस के कारण अनफिट कर दिया गया. आवेदकों ने कई बार प्रबंधन को आवेदन देकर बताया कि कंपनी ने भू-अधिग्रहण और डेथ केस के मामले में कलर ब्लाइंडनेस वाले आवेदकों को नियोजन दिया है.
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