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प्रेमिका की मां की हत्या में दोषी करार

धनबाद: अपर जिला व सत्र न्यायाधीश ग्यारह सचींद्र कुमार पांडेय की अदालत ने हत्या के एक मामले में मंगलवार को बलियापुर निवासी सरत बासकी को भादवि की धारा 302, 341, 324, 452 में दोषी करार देते हुए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. सजा पर सुनवाई एक अप्रैल को होगी. सुनवाई के वक्त अपर लोक […]

धनबाद: अपर जिला व सत्र न्यायाधीश ग्यारह सचींद्र कुमार पांडेय की अदालत ने हत्या के एक मामले में मंगलवार को बलियापुर निवासी सरत बासकी को भादवि की धारा 302, 341, 324, 452 में दोषी करार देते हुए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. सजा पर सुनवाई एक अप्रैल को होगी. सुनवाई के वक्त अपर लोक अभियोजक ओम प्रकाश तिवारी भी मौजूद थे. ललिता व सरत के बीच लंबे अर्से से प्रेम प्रसंग चल रहा था. ललिता की मां सुरूबाला देवी इसका विरोध करती थी. दोनों बलियापुर थाना क्षेत्र के रहनेवाले हैं. 16 सितंबर 15 को सरत बासकी ने कुल्हाड़ी से सुरूबाला देवी की हत्या कर दी. मां को बचाने के क्रम में ललिता भी घायल हो गयी. घटना के बाद ललिता ने बलियापुर थाना में सरत बासकी के खिलाफ कांड संख्या 166/15 दर्ज कराया.
दहेज हत्या में पति दोषी, ससुर बरी
अपर जिला व सत्र न्यायाधीश सत्रह एसडी त्रिपाठी की अदालत ने दहेज हत्या के मामले में टुंडी थाना क्षेत्र के कमीयाडीह निवासी मनोज रजवार (पति) को भादवि की धारा 304 बी में दोषी करार दिया. जबकि वीरू रजवार (ससुर) को संदेह का लाभ देते हुए रिहा कर दिया. अदालत ने दोषी करार पति को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. फैसला के वक्त अपर लोक अभियोजक अनिल कुमार झा भी अदालत में मौजूद थे. सजा बिंदु पर सुनवाई छह अप्रैल को होगी. गोविंदपुर थाना क्षेत्र के बस्तीपुर निवासी जटल रजवार ने अपनी पुत्री मुनिया देवी की शादी मनोज रजवार के साथ वर्ष 2011 में की थी. दहेज के लिए 25 जून 2012 को केरोसिन छिड़ककर जला दिया गया. पीएमसीएच धनबाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. मृतका के पिता जटल रजवार ने टुंडी थाना में कांड संख्या 76/12 दर्ज कराया था.
दुष्कर्म के प्रयास में साढ़े तीन साल कैद
एक युवती के साथ दुष्कर्म का प्रयास किये जाने के मामले में अपर जिला व सत्र न्यायाधीश पंचम महेंद्र प्रसाद की अदालत ने जेल में बंद गोविंदपुर निवासी सरफुद्दीन अंसारी को साढ़े तीन वर्ष सश्रम कैद व दस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. अपर लोक अभियोजक पिनाकी चौधरी ने सजा के बिंदु पर बहस की. 12 जून 07 की रात जब युवती शौच के लिए गयी हुई थी तभी आरोपी ने मौके का फायदा उठा कर उसके साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया था.
जीआरपी ने नहीं भेजी स्पष्ट रिपोर्ट
मोबाइल रिलीज के एक मामले की सुनवाई मंगलवार को रेलवे न्यायिक दंडाधिकारी मो उमर की अदालत में हुई. अदालत ने कुमारधुबी जीआरपी थाना द्वारा भेजी गयी अस्पष्ट रिपोर्ट को काफी गंभीरता से लिया. अदालत ने पुन: जीआरपी कुमारधुबी को 11 अप्रैल 17 तक मोबाइल रिलीज करने के संबंध में स्पष्ट रिपोर्ट भेजने का आदेश दिया. विदित हो कि धनबाद (कुमारधुबी) जीआरपी केस के सूचक अशोक कुमार ने 28 फरवरी 17 को अपना मोबाइल मुक्त करने के संबंध में रेलवे के न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में आवेदन दायर किया. अदालत ने कुमारधुबी जीआरपी प्रभारी से रिपोर्ट तलब की. लेकिन न जाने किन कारणों से उसने स्पष्ट रिपोर्ट अदालत में नहीं भेजी. तीन सितंबर 15 को अशोक कुमार अपनी पत्नी के साथ दून एक्सप्रेस से गया से हावड़ा जा रहा था तभी कुमारधुबी के निकट उसकी पत्नी का बैग चोरी हो गया. जिसमें सोने का जेवरात, एटीएम कार्ड व मोबाइल था. श्री कुमार ने रेल थाना में कांड संख्या 07/16 के तहत मामला दर्ज कराया था.
पूर्व एसडीओ व दारोगा का बयान दर्ज
जलापूर्ति की मांग को लेकर डीसी ऑफिस के मुख्य द्वार को जाम कर आवागमन ठप कर हथियार से लैस होकर हंगामा करने के मामले की सुनवाई मंगलवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश चौदह रवींद्र कुमार की अदालत में हुई. अदालत में साक्षी तत्कालीन एसडीएम बालकृष्ण मुंडा व दारोगा महेंद्र प्रसाद सिंह ने गवाही दी. दोनों ने घटना की पुष्टि की. अभियोजन से अपर लोक अभियोजक अनिल कुमार झा ने साक्षियों का मुख्य परीक्षण कराया. 27 अप्रैल 2006 को उपायुक्त कार्यालय के मुख्य द्वार पर समरेश सिंह ने अपने डेढ़ सौ समर्थकों के साथ हरवे हथियार के साथ आकर सड़क जाम कर दिया और प्रशासन विरोधी नारे लगाने लगे. हंगामा को देख कर जिला प्रशासन ने बलपूर्वक स्थिति को नियंत्रित किया. मौके से पुलिस ने समरेश सिंह, पवन महतो, अनूप महतो, कामा पदो सहिस, प्रवीर मुखर्जी व मनोज सिंह समेत 25 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया. साथ ही कई वाहन को भी जब्त किया.
इंश्योरेश कंपनी को भुगतान का आदेश
जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष नित्यानंद सिंह सदस्यद्वय पुष्पा सिंह व नरेश प्रसाद सिंह की तीन सदस्यीय पीठ ने मंगलवार को संयुक्त रूप से एक आदेश पारित कर परिवादी जोड़ाफाटक धनबाद निवासी योगेंद्र कुमार अग्रवाल के पक्ष में फैसला सुनाया. फोरम ने विपक्षी शाखा प्रबंधक ओरियंटल इंश्योरेश कंपनी लिमिटेड बैंक मोड़ धनबाद को निर्देश दिया कि वह तीस दिनों के अंदर एक लाख बावन हजार एक सौ तिरासी रुपये दिनांक 15 जुलाई 15 से आठ फीसदी वार्षिक ब्याज के साथ वास्तविक भुगतान की तिथि तक परिवादी को भुगतान कर दे. विदित हो कि परिवादी ने अपनी लिब्रा हुंडई कार का बीमा विपक्षी से कराया था. बीमा अवधि में 28 दिसंबर 14 को कार दुर्घटना ग्रस्त हो गयी. परिवादी ने कलेम किया, लेकिन विपक्षी ने उसे खारिज कर दिया. तब परिवादी ने 21 दिसंबर 15 को उपभोक्ता फोरम में वाद संख्या 147/15 दर्ज कराया.
घूसखोरी में एपीएम की जमानत खारिज
रिश्वतखोरी के एक मामले में जेल में बंद असिस्टेंट पोस्ट मास्टर सत्यदेव प्रसाद वर्मा की ओर से दायर नियमित जमानत अर्जी पर सुनवाई मंगलवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसके पांडेय की अदालत में हुई. अदालत ने उभय पक्षाें की दलील सुनने के बाद जमानत अर्जी को खारिज कर दी. विदित हो कि 18 मार्च 17 को सीबीआइ की धनबाद टीम ने आरोपी असिस्टेंट पोस्टमास्टर को प्रधानडाकघर के मुख्य द्वारा पर स्थित चाय दुकान पर रोशन लाल अग्रवाल से एक हजार रुपये रिश्वत लेते धर दबोचा था.
घोटाले में चार की अग्रिम जमानत पर सुनवाई : बीएसएल में मशीन व स्पेयर पार्ट्स की खरीदारी में की गयी गड़बड़ी के मामले में आरोपित त्रिदेव मुखर्जी, टिंटू मुखर्जी, त्रिपती मुखर्जी व देवाशीष मुखर्जी की ओर से दायर अग्रिम जमानत अरजी पर सुनवाई मंगलवार को सीबीआइ विशेष न्यायाधीश एसके पांडेय की अदालत में हुई.
अदालत में अभियोजन की ओर से लाेक अभियोजक कपिल मुंडा ने बहस की. अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आदेश की तिथि 31 मार्च 17 निर्धारित कर दी. आरोपितों ने वर्ष 2008 से लेकर 2013 तक भाव से ज्यादा कीमत पर मशीन की खरीदारी कर बीएसएल को एक करोड़ 94 लाख 94 हजार 657 रुपये का नुकसान पहुंचाया था.

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