चंद्रपुरा में तीन से ज्यादा को छुट्टी नहीं मिलती है. यह कहां का नियम है. रेस्ट रद्द तथा छुट्टी पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है और बताया जाता है कि ऊपर का आदेश है. ऊपर से कौन आदेश देता है बोलिए, उनसे हम लोग मिलते हैं.’ ये बातें पूजा पांडेय ने मंगलवार को यहां सामुदायिक भवन में रनिंग परिवार संरक्षा संवाद के दौरान अधिकारियों से कही. पूजा के पति रेल ड्राइवर हैं.
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आप लोग मुंडी हिला कर चले जायेंगे कुछ नहीं करेंगे, पता है हम लोगों को
गोमो: ‘रेल दुर्घटना के लिए आपलोग परिवार को दोष दे रहे हैं, जो सरासर गलत है. साल में एक महीना भी छुट्टी नहीं देते हैं. रेल अधिकारी पांच कमरों के बंगला में रहते हैं. हमलोगों के लिए एक कमरा का आवास क्यों आवंटित होता है. रनिंग कर्मचारियों का बीपी-सुगर सब आपलोगों के कारण होता है. […]
गोमो: ‘रेल दुर्घटना के लिए आपलोग परिवार को दोष दे रहे हैं, जो सरासर गलत है. साल में एक महीना भी छुट्टी नहीं देते हैं. रेल अधिकारी पांच कमरों के बंगला में रहते हैं. हमलोगों के लिए एक कमरा का आवास क्यों आवंटित होता है. रनिंग कर्मचारियों का बीपी-सुगर सब आपलोगों के कारण होता है. आपलोग मुंंडी हिलाकर चले जायेंगे. आप लोग समस्याएं सुनकर भी कुछ नहीं करेंगे, यह हमलोगों को पता है.
सर, आपके सिस्टम में दोष है : एक अन्य रेलकर्मी की पत्नी कुमारी चंदा ने कहा कि ‘पर्व के दौरान छुट्टी नहीं मिलती है. क्या हमलोगों को परिवार के साथ पर्व मनाने का अधिकार नहीं है. इंजन के कैब का माहौल अमानवीय है. रनिंग कर्मचारी पचास डिग्री तापमान में डयूटी करते हैं और ऊपर से टीएलसी का दबाब रहता है. ऐसी स्थिति में दुर्घटना होना स्वाभाविक बात है. सर, आपके सिस्टम में दोष है.’
सिंगल आवास, हालत बदतर : मनोज कुमार मेहरा की पत्नी ने कहा कि ‘रेल चालक को सिंंगल आवास मिलता है. वह रेस्ट कहां करेंगे, बच्चे कहां पढ़ेंगे. रेल आवास की छत से पानी टपकता है. बरसात में जाग कर रात बितानी पड़ती है.’ चंदन कुमार तथा जिरेन केरकेट्टा की पत्नी ने कहा ‘स्ट्रीट वन की चहारदीवारी टूट गयी है. चोरी हो रही है. स्थानीय लोग तेज आवाज में बाजा बजाते हैं. इस कारण रनिंग कर्मचारियों को पूरी तरह से रेस्ट नहीं मिलता है. शौचालय की टंकी क्षतिग्रस्त है.’ आर कच्छप की पत्नी ने कहा कि ‘रनिंग कर्मियों से दबाब में ड्यूटी करायी जाती है. मेरे पति को बार-बार महाक्रेक देकर मुगलसराय भेज दिया जाता है. लगातार 16–18 घंटा डयूटी करने पर शरीर का क्या हालत होगा आप लोग समझ सकते है.’ संगोष्ठी में ज्यादातर गार्ड और ड्राइवर के पत्नी-बच्चे थे. इनके अलावा सीटीएफआर गोविंद राम, बबन राम, सीएलआइ यूके सिंह, एके सिंह, डी कुमार, जे पासवान, एमके द्विवेदी, एमआइ खान, सीवाइएम बीसी मंडल, इसीआरकेयू के पीके मिश्रा, एके भगत, पीके सिन्हा आदि मौजूद थे.
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