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रतन विहार को कब्जे में लेगी जिप
धनबाद. : जिला परिषद रतन विहार होटल और उसके बगल तथा जेल के पीछे की अतिक्रमित जगह कब्जे में लेगी. जिप अध्यक्ष रोबिन गोराईं के पत्र के बाद इसकी कवायद शुरू हो गयी है. डीडीसी ने कर्मचारियों को जिला परिषद की जमीन, दुकान एवं मकान की सूची बनाने का निर्देश दिया है. इधर लीज खत्म […]
धनबाद. : जिला परिषद रतन विहार होटल और उसके बगल तथा जेल के पीछे की अतिक्रमित जगह कब्जे में लेगी. जिप अध्यक्ष रोबिन गोराईं के पत्र के बाद इसकी कवायद शुरू हो गयी है. डीडीसी ने कर्मचारियों को जिला परिषद की जमीन, दुकान एवं मकान की सूची बनाने का निर्देश दिया है.
इधर लीज खत्म होने के 32 साल बाद जिला परिषद ने बीएसएस महिला कॉलेज को खाली करने के लिए नोटिस भेजा है. डीडीसी गणेश कुमार ने बताया कि 1965 में उक्त जमीन भारत सेवक समाज को महिलाओं को सिलाइ केंद्र खोलने के लिए 20 साल के लिए लीज पर दी गयी थी. 1985 में लीज खत्म हो गयी. इस दौरान वहां महिला कॉलेज खोल दिया गया. वर्ष 2011 में हाई कोर्ट के निर्देश पर जब सभी अतिक्रमित जगहों से कब्जा हटाया जाने लगा तो प्रबंधन ने लड़कियों की परीक्षा होने की बात कह बाद में खाली करने की बात कही. प्रबंधन ने बताया कि कॉलेज की जमीन बाबूडीह में खरीद ली गयी है. भवन बनते ही कॉलेज वहां शिफ्ट हो जायेगा, लेकिन छह वर्षों बाद भी वे लोग कॉलेज वहां नहीं ले गये. हाइकोर्ट में केस लड़ रहे जिप के अधिवक्ता निरंजन सिंह ने बताया कि भारत सेवक समाज ने ढंग से वहां कॉलेज खाेल लिया. दूसरी बात है कि लीज की अवधि बढ़ाने के लिए उनलोगों ने 1985 के बाद कोशिश नहीं की. वर्ष 2011 के बाद बीएसएस प्रबंधन ने हाइकोर्ट में अपील की थी, लेकिन वह खारिज हो गयी. उसके बाद टाइटल शूट भी किया था, वह भी खारिज हो गया. अब उन्हें हर हाल में ही उक्त जमीन खाली करनी होगी. इधर जिप अध्यक्ष ने बताया कि आइएएम, बीएसएस कॉलेज, कांग्रेस एवं इंटक कार्यालय के भवन तोड़कर वहां जिप की आमदनी बढ़ाने के लिए कोई एसेट(संपत्ति) तैयार होगा, जिससे जिप की नियमित आमदनी बढ़ेगी.
बीएसएस प्राचार्य का जवाब संतोषप्रद नहीं
नोटिस के बाद बीएसएस कॉलेज की प्राचार्य डॉ करुणा का जवाब आया है, लेकिन संतोषप्रद नहीं है. कॉलेज को लीज देना किसी भी सीइओ के अधिकार से बाहर की बात है. लीज ग्रामीण विकास विभाग ही दे सकता है. हाइकोर्ट पूरे मामले की मॉनीटरिंग कर रहा है. कॉलेज खाली करना ही होगा. प्राचार्या ने कहा है कि भवन बनने के बाद शिफ्ट किया जायेगा. पांच साल में भवन नहीं बना अब और कितना समय लगेगा, इसका भी जिक्र नहीं है. यह गोल-मटोल जवाब है.
गणेश कुमार, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, जिला परिषद.
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