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थानेदारों की प्रतिनियुक्ति मैनुअल के खिलाफ

धनबाद: थाना में थानेदार समेत किसी भी स्तर की प्रतिनियुक्ति पुलिस मैनुअल के खिलाफ है. विभिन्न जिलों के ओपी व थानों में इंस्पेक्टर व दारोगा की प्रतिनियुक्ति की जाती है. एसएसपी व एसपी द्वारा पदस्थापना के बजाय प्रतिनियुक्ति की जाती है. यह गलत परंपरा है. मैनुअल के अनुसार थाना व ओपी में पदस्थापित इंस्पेक्टर व […]

धनबाद: थाना में थानेदार समेत किसी भी स्तर की प्रतिनियुक्ति पुलिस मैनुअल के खिलाफ है. विभिन्न जिलों के ओपी व थानों में इंस्पेक्टर व दारोगा की प्रतिनियुक्ति की जाती है. एसएसपी व एसपी द्वारा पदस्थापना के बजाय प्रतिनियुक्ति की जाती है. यह गलत परंपरा है. मैनुअल के अनुसार थाना व ओपी में पदस्थापित इंस्पेक्टर व दारोगा स्तर के अफसरों को बगैर किसी आरोप के दो वर्ष से पहले हटाया नहीं जा सकता है. उक्त बातें झारखंड पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेंद्र सिंह (इंस्पेक्टर) ने कही. वह सोमवार को धनबाद पुलिस क्लब में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. मौके पर एसोसिएशन के शाखा अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह, उपाध्यक्ष शालीग्राम यादव समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.
सीनियर अफसर ही कर रहे नियमों का उल्लंघन : योगेंद्र ने कहा कि पुलिस मैनुअल में वेतन धारित (पेएचओ) का कोई प्रावधान नहीं है. एसपी व एसएसपी द्वारा इंस्पेक्टर, दारोगा व जमादारों का वेतन धारित कर दिया जाता है. वेतन धारित होने से पुलिस अफसर ही नहीं उनके परिजन भी प्रभावित होते हैं. पेएचओ करना एक प्रचलन हो गया है. एक ही आरोप में दो-दो बार पे एचओ व निंदन की सजा मिल जाती है. कनीय पुलिस अफसरों की परेशानी नहीं देखी जाती, लेकिन कार्रवाई करने में जल्दीबाजी की जाती है. अगर अफसरों से गलती है तो पहले शो कॉज किया जाना चाहिए. गड़बड़ी में सुधार किया जाना चाहिए. मैन पावर व संसाधानों की कमी के बावजूद कनीय पुलिस अफसर निष्ठा पूर्व सेवा काम में लगे हैं. सीनीयर अफसर ही नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं.
मुख्य सचिव से मिलेगा पुलिस एसोसिएशन : अध्यक्ष ने कहा कि डीएसपी को सार्जेंट मेजर का प्रभार दिया जाना गलत है. सात डीएसपी की पदस्थापना कर सात जगह सार्जेंट मेजर का प्रभार दिया गया है. पुलिस मैनुअल 774 (ख) में डीजीपी को मात्र दो डीएसपी की प्रतिनियुक्ति समान पद पर करने का अधिकार है. डीजीपी ने सात डीएसपी को सार्जेंट मेजर के रूप में प्रतिनियुक्त कर दिया है. एसोसिएशन डीजीपी से मिलकर अपना विरोध जता चुका है. अगर निर्णय में संशोधन नहीं किया मुख्च सचिव से शिकायत की जायेगी.
धनबाद रेल जिला में भी बने पुलिस क्लब : योगेंद्र ने कहा कि रेल जिला के उग्रवाद प्रभावित थानों में पदस्थापित पुलिस अफसरों को भी दुरूह भत्ता मिलना चाहिए. धनबाद रेल जिला में भी पुलिस क्लब बनाया जाना चाहिए. पुलिस अफसरों की संख्या बढ़ गयी है. रांची में बगैर जांच किये ट्रैफिक थानेदारों को हटाया जाना गलत है. अगर ट्रैफिक थानेदार वसूली कर रहे थे तो डीएसपी व एसपी क्या कर रहे थे. वसूली के लिए डीएसपी व एसपी भी जिम्मेवार हैं. एसएसपी व एसपी किसी उपलब्धि में संवाददाता सम्मेलन करते हैं तो वहां इंस्पेक्टरों व थानेदारों को सामने कुर्सी पर बैठाया जाना चाहिए, न कि अपराधियों के साथ पीछे खड़ा रखना चाहिए.
सख्ती और दुर्व्यवहार छोड़ें पुलिस अफसर
पुलिस एसोसिएशन धनबाद शाखा की विशेष बैठक में सोमवार को प्रांतीय अध्यक्ष धनबाद जिला की सदस्यों की समस्या से रूबरू हुए. सदस्यों ने कहा कि थानेदार शोषण करते हैं. थानेदार भी एसोसिएशन के सदस्य हैं, लेकिन वे उनकी पीड़ा नहीं समझते. केस का अनुसंधान निजी खर्च करना पड़ता है. अध्यक्ष ने कहा कि ड्यूटी तो करनी ही पड़ेगी. पुलिस अधिकारी जनता की सेवक बनकर काम करें. सख्ती व दु्वर्यवहार छोड़ें. शाखा अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने कहा कि थाना व ओपी में टर्म पूरा कर लेने वाले थानेदार, जेएसआइ, एएसआइ व इंस्पेक्टरों का तबादला किया जाये.

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