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प्रकृति की रक्षा भगवान की सबसे बड़ी सेवा
केंदुआ : बसेरिया तिवारी बस्ती में हो रहे श्री श्री 1008 लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में श्रद्धालुओं ने यज्ञ मंडप में विधिपूर्वक यज्ञ मंडप में मौजूद हवन कुंड में आहुति दी व भगवान लक्ष्मी नारायण से मंगलकामना की. शनिवार को श्रीमद्भगवत कथा के पांचवें दिन वृंदावन से आये व्यास आचार्य पंडित ब्रजेशजी महाराज ने कहा कि […]
केंदुआ : बसेरिया तिवारी बस्ती में हो रहे श्री श्री 1008 लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में श्रद्धालुओं ने यज्ञ मंडप में विधिपूर्वक यज्ञ मंडप में मौजूद हवन कुंड में आहुति दी व भगवान लक्ष्मी नारायण से मंगलकामना की. शनिवार को श्रीमद्भगवत कथा के पांचवें दिन वृंदावन से आये व्यास आचार्य पंडित ब्रजेशजी महाराज ने कहा कि भगवान ने असुरों को मारने के पूर्व असुरों को जन्म देनेवाली अविदियारूपी पूतना का नाश किया. फिर भगवान श्री कृष्ण द्वारा माखन चोरी लीला का वर्णन करते हुये उसके रहस्यों को बताया. ब्रजेशजी महाराज ने कहा कि भगवान भक्तों के मनरूपी माखन की चोरी करते थे.
अपने भक्तों को जन्म- जन्मांतर के पापों की चोरी कर उनको निष्पाप बनाते है. जब उन्होंने मिट्टी खायी तो माता यशोदा द्वारा भगवान का मुख खोलवाने पर पूरा ब्रह्मांड दिखा. तब प्रभु ने मईया यशोदा से कहा कि मुझसे संसार में कुछ अलग नहीं है. आगे गोवर्धन कथा के रहस्यों के बारे में बताया.
कहा कि प्रकृति की रक्षा करना ही भगवान की सबसे बड़ी सेवा है. वर्तमान समय में मनुष्य जिस प्रकार प्रकृति का विनाश अपने स्वार्थ के लिये कर रहा है. उसे देख लगता है मनुष्य महाविनाश की ओर बढ़ रहा है. आज वातावरण चारों ओर प्रदूषित हो रहा है. लोग भौतिक सुखों के लिये प्रकृति के विरुद्ध कार्य कर रहे है.
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