-नामजद के खिलाफ नहीं मिला साक्ष्य, नन एफआइआर अभियुक्तों पर चाजर्शीट
-अभय कुमार-
धनबादः कांग्रेस नेता सुरेश सिंह (अब स्वर्गीय) हमलाकांड में नामजद पूर्व मंत्री बच्चा सिंह, उनके अनुज रामधीर सिंह, भतीजे शशि सिंह व सिद्धार्थ गौतम को पुलिस अनुसंधान में क्लीन चिट मिल गयी है. चारों के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला है. मामले के अप्राथमिकी अभियुक्त जैनेंद्र कुमार सिंह उर्फ पिंटू सिंह, गिरधारी सिंह, दुर्गाचरण सिंह, विकास सिंह, राहुल सिंह, मुन्ना सिंह व एकलव्य सिंह व छोटू सिंह के खिलाफ अनुसंधान कर पुलिस चाजर्शीट पहले ही दाखिल कर चुकी है. मामले के अप्राथमिकी अभियुक्त मुकेश सिंह की मौत हो गयी थी. पुलिस ने नौ साल तक मामले का अनुसंधान किया. अब अनुसंधान बंद कर फाइल क्लोज कर दिया गया है. पुलिस के अनुसंधान पूरा हो गया है.
क्या है मामला
19 मई, 2004 को धनबाद व्यवहार न्यायालय से लौट रहे कांग्रेस नेता सुरेश सिंह, संतोष सिंह व सुरेश सिंह के रिश्तेदार बुलेफ प्रूफ वाहन पर सवार होकर धैया रामायण निवास लौट रहे थे. पीछे वाहनों का काफिला था. बरटांड़ में वाहन पर बम व गोलियों से हमला किया गया. तीनों बाल-बाल बच गये. सुरेश सिंह की शिकायत पर धनबाद थाना में कांड संख्या 298/2004 धारा 323, 324, 307, 427, 120 (बी)भादवि 27 आर्म्स एक्ट व 3/5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत दर्ज एफआइआर में एकमत होकर षड्यंत्र कर जान मारने की नीयत से गोली व बम विस्फोट करने का आरोप था. एफआइआर में बच्च सिंह, रामधीर सिहं, शशि सिंह, सिद्धार्थ गौतम व अन्य पांच-छह अज्ञात को अभियुक्त बनाया गया था. संतोष व रणविजय ने कोर्ट में नामजद के खिलाफ दप्रसं की धारा 164 के तहत अपना बयान दर्ज कराया था.
नहीं मिला सबूत
घटना के बाद पुलिस ने जैनेंद्र कुमार सिंह उर्फ पिंटू सिंह को दबोच कर कांड का खुलासा करने का दावा किया था. अनुसंधान व पिंटू से पूछताछ के आधार पर जैनेंद्र कुमार सिंह के अलावा गिरधारी सिंह, दुर्गाचरण सिंह, विकास सिंह, राहुल सिंह, मुन्ना सिंह व एकलव्य सिंह उर्फ छोटू सिंह व मुकेश सिंह को अप्राथमिकी अभियुक्त बनाया गया. पिंटू से पूछताछ व साक्ष्य के आधार पर प्राथमिकी के नामजद के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला. अनुसंधान के दौरान ही मुकेश सिंह की सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी. मामले में नाम आये एक अभियुक्त का पुलिस सत्यापन नहीं कर पायी है.