धनबाद: वेलेंटाइन वीक का अंतिम दिन वेलेंटाइन डे था. इजहारे मोहब्बत का दिन. लेकिन वेलेंटाइन डे के दिन पार्क, रेस्टोरेंटों में मुहब्बत करनेवाले नहीं दिखे. शहर खामोश रहा.
न तो वेलेंटाइन डे मनानेवाले और न ही इसका विरोध करनेवाले संगठन नजर आये. मुहब्बत कहीं फटकती नजर नहीं आयी. वेलेंटाइन डे नहीं मनाने के कई कारण हो सकते हैं. एक तो इस डे को हमारा समाज मान्यता नहीं देता, दूसरा प्यार करनेवाले जोड़े कोई रिस्क नहीं लेना चाहते. छिप छिपा कर ही कुछ जोड़ों ने वेलेंटाइन डे सेलिब्रेट किया.
प्यार पर लगे थे पहरे : पार्क, सड़कों और चौराहों पर पुलिस तैनात थी. बिरसा मुंडा पार्क में महिला थानेदार के नेतृत्व में महिला कांस्टेबल मार्च करती दिखी. अन्य सालों की तुलना में आज बिरसा मुंडा पार्क में भी खामोशी रही. जोड़े न के बराबर दिखे.
मंदिरों में नहीं हुई शादी : अपने मैरेज को यादगार बनाने के लिए प्रेमी युगल वेलेंटाइन डे के दिन विवाह के बंधन में बंधने की योजना बनाते हैं. भूईंफोड़ मंदिर के पुजारी सुरेश पंडित ने बताया कि आज एक जोड़े ने शादी बुक करायी थी, लेकिन अचानक कैंसिल कर दिया. शक्ति मंदिर के प्रबंधक चंद्रशेखर शास्त्री ने बताया कि शुक्रवार को मंदिर में कोई विवाह नहीं हुआ. मानस मंदिर में भी किसी शादी के नहीं होने की जानकारी दी पुजारी ज्योति नारायण झा ने.