धनबाद: हाथियों के आतंक से तबाह धनबाद वन प्रमंडल क्षेत्र के निवासियों के लिए अच्छी खबर है. इस पर स्थायी निजात पाने के लिए विभाग टुंडी में एलिफेंट कॉरिडोर बनाने की तैयारी में है. सरकार के सुझाव पर धनबाद वन प्रमंडल ने इसके लिए करीब साढ़े नौ करोड़ का प्रस्ताव भेजा है.
टुंडी, तोपचांची व राजगंज के 43 गांव होंगे लाभान्वित : वर्तमान में हाथियों का आतंक धनबाद वन प्रमंडल के लिए एक बड़ा सिर दर्द है. साल में छह माह से ऊपर विभाग हाथी भगाने में ही व्यस्त रहता है. हर साल आतंकी हाथियों से जानमाल की क्षति होती है. इससे धनबाद वन प्रमंडल के टुंडी, तोपचांची, राजगंज आदि में 43 गांव प्रभावित हैं.
अब तक की व्यवस्था : प्रभावित इलाके के ग्रामीणों को आतंक से निजात दिलाने के लिए विभाग द्वारा ट्रेनिंग दिलाने सहित 43 गांवों में 386 सोलर लाइट बांटी गयी है. कैंप कर ग्रामीणों को डीजल टॉर्च दिया गया है.
मृतक को पांच लाख का मुआवजा : हाथियों के आतंक से मारे गये लोगों को नियम के अनुसार तुरंत पांच लाख का मुआवजा विभाग को देने का प्रावधान है. इसके अलावा होने वाली संपत्ति क्षति की भरपाई करनी पड़ती है.
क्या होता है एलिफेंट कॉरीडोर
इसमें हाथियों को फंसाने के लिए बड़ा-बड़ा गड्ढा बना रहता है. इसमें 26 प्लेट का इलेक्ट्रिक फेनिशिंग लगा रहेगा. हाथी के विद्युत प्रवाहित इस प्लेट के संपर्क में आते ही इलेक्ट्रिक शॉक लगेगा. इससे वह भयभीत होकर गड्ढ़ा में फंस जायेगा. झटका लगने के साथ ही इलेक्ट्रिक प्रवाह रुक जायेगा, ताकि हाथी को कोई खतरा नहीं हो. गड्ढे में ही हाथियों को खाने-पीने सहित जीवित रखने के लिए पर्याप्त व्यवस्था रहेगी.
विभाग ने भेजा प्रस्ताव
सरकार के सुझाव पर विभाग ने साढ़े नौ करोड़ का एलिफेंट कॉरीडोर बनवाने का प्रस्ताव भेजा है. उस पर स्वीकृति मिलते ही बनाने की तैयारी शुरू हो जायेगी.
सतीश चंद्र राय, डीएफओ, धनबाद