10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दो पुलिस अफसरों की मौत का आरोपी है दारोगा संतोष

धनबाद : दारोगा संतोष रजक पर मेहरबान रहे हैं एसपी-डीएसपी जानिए उस पुलिस अधिकारी (संताेष रजक) काे, जाे हैं ताे 2012 बैच के, लेकिन इतने कम समय में गंभीर से गंभीर आराेपाें से घिर गये हैं. विभाग में पैठ ऐसी कि अपने जूनियर पुलिस अधिकारी जमादार उदय शंकर सिंह काे पीट कर मार डालने के […]

धनबाद : दारोगा संतोष रजक पर मेहरबान रहे हैं एसपी-डीएसपी

जानिए उस पुलिस अधिकारी (संताेष रजक) काे, जाे हैं ताे 2012 बैच के, लेकिन इतने कम समय में गंभीर से गंभीर आराेपाें से घिर गये हैं. विभाग में पैठ ऐसी कि अपने जूनियर पुलिस अधिकारी जमादार उदय शंकर सिंह काे पीट कर मार डालने के आराेप के बावजूद उनका काेई कुछ नहीं बिगाड़ सका. सिर्फ सस्पेंड किया गया, वह भी कुछ समय के लिए. एक डीएसपी के इतने चहेते कि जिस थाना के सहयाेगी काे पीट कर मार डालने का आराेप लगा था,
उसी थाने के बगल वाले थाने का उन्हें थाना प्रभारी बना दिया गया. वहां उन्हाेंने एक पशु व्यापारी माेहम्मद नाजिम काे गाेली मार दी और मामले में ताेपचांची थाना प्रभारी उमेश कच्छप की संदेहास्पद परिस्थिति में मौत हो गयी. अगर ऐसी ही व्यवस्था रहेगी ताे सरकार-मुख्यमंत्री के तमाम प्रयास के बावजूद पुलिस पर लाेगाें का भराेसा कैसे रहेगा.
धनबाद : संताेष रजक 2012 बैच के सब-इंस्पेक्टर हैं. ट्रेनिंग के बाद गिरिडीह में प्रोवेशन पीरियड बिताया. फिर एसटीएफ में पोस्टिंग हुई. एसटीएफ से जून 2015 में संताेष रजक की पाेस्टिंग धनबाद में हुई. पहला थाना मिला-जीटी रोड स्थित राजगंज थाना. हर किसी काे यह थाना नसीब नहीं हाेता. राजगंज थाना कमाई वाला माना जाता है. संतोष रजक को पाेस्टिंग के लिए बहुत इंतजार नहीं करना पड़ा. धनबाद पुलिस लाइन में सप्ताह भर वेटिंग के बाद 17 जून 2015 को उन्होंने बतौर राजगंज थाना प्रभारी अपना योगदान दिया. पुलिस अफसराें के बीच चर्चा हुई कि उग्रवाद की दृष्टि से संवेदनशील राजगंज थाने में इतने जूनियर बैच के सब-इंस्पेक्टर की कैसे पोस्टिंग हो गयी? राजगंज थाना, बाघमारा पुलिस अनुमंडल में पड़ता है. उस समय वहां के डीएसपी मनजरुल होदा थे.
जमादार को पीटा था हुई थी उसकी मौत
रा जगंज थाना प्रभारी बनाये जाने के दो महीने बाद संतोष रजक अचानक जमादार पिटाई कांड को लेकर सुर्खियों में आये. आराेप है कि 19 अगस्त 2015 को राजगंज थाना प्रभारी संतोष रजक ने जमादार उदय शंकर सिंह के साथ मारपीट की. बताया गया कि आर्म्स एक्ट के एक केस की केस डायरी में अनुसंधानकर्ता अधिकारी जमादार उदय शंकर सिंह पर थाना प्रभारी नामजद दो आदिवासियों के खिलाफ झूठा तथ्य डालने के लिए दबाव बना रहे थे. जमादार उदय शंकर सिंह ने इससे इनकार कर दिया था. जमादार उदय शंकर सिंह का कहना था
कि जांच में जाे तथ्य सामने आयेंगे, उसे ही वह केस डायरी में लिखेंगे. बात नहीं मानने पर थाना प्रभारी संतोष रजक ने जमादार उदय शंकर सिंह के साथ गाली-गलौज की. जमादार उदय शंकर सिंह की ओर से प्रतिरोध करने पर बात मारपीट तक पहुंच गयी. आरोप लगा कि उन्होंने जमादार उदय शंकर सिंह का सिर दीवार पर टकरा दिया था. मारपीट की घटना के बाद बोकारो जेनरल हॉस्पिटल में इलाजरत जमादार उदय शंकर सिंह ने 26 अगस्त 2015 की रात को दम तोड़ दिया. उदय शंकर सिंह की मौत के बाद एक बार फिर मामला गर्म हो गया. 27 अगस्त 2015 को उदय शंकर सिंह के परिजनों ने शव के साथ जीटी रोड को जाम कर दिया.
जमादार से मारपीट…
आम जनता भी जमादार उदय शंकर सिंह के परिजनों के साथ सड़क पर उतर गयी. पुलिस जबरन शव को पोस्टमार्टम के लिए उठा ले गयी और सड़क जाम का केस किया. केस में पत्रकारों को भी नामजद कर दिया गया. पुलिस की कार्रवाई से जनाक्रोश बढ़ा. थाना प्रभारी संतोष रजक के खिलाफ एफआइआर की मांग तेज हुई. सीनियर पुलिस अफसर चुप रहे.
डीएसपी ने दी एकपक्षीय रिपोर्ट
मामले में तत्कालीन एसपी राकेश बंसल ने तत्कालीन डीएसपी मनजरुल होदा से जांच रिपोर्ट मांगी. अाराेप है कि डीएसपी ने थाना प्रभारी को बचाते हुए एकपक्षीय रिपोर्ट एसपी को दी. डीएसपी ने पूरी घटना के लिए जमादार उदय शंकर सिंह को दोषी करार दिया. डीएसपी की रिपोर्ट के आधार पर एसपी ने जमादार को सस्पेंड कर दिया. उसी जमादार उदय शंकर सिंह काे, जाे घायल थे आैर जिनकी अस्पताल में माैत हाे गयी. जमादार की माैत के बाद सीनियर अफसर जागे.
तत्कालीन जोनल आइजी तदाशा मिश्रा ने मामले में पक्षपातपूर्ण जांच रिपोर्ट के लिए डीएसपी को शो-कॉज करने का निर्देश एसपी को दिया था. आइजी-डीआइजी के दबाव पर 30 अगस्त 2015 को थाना प्रभारी संतोष रजक को सस्पेंड किया गया. साथ ही जमादार की पत्नी गायत्री देवी की शिकायत पर थाना प्रभारी और चालक सुबीर मुखर्जी के खिलाफ राजगंज थाना में केस दर्ज हुआ.
जिस एसपी ने सस्पेंड किया, उसी ने सस्पेंशन मुक्त भी किया : सस्पेंड किये जाने के बाद संतोष रजक के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू की गयी. इधर, महज चार महीने बाद संतोष रजक को निलंबन से मुक्त कर दिया गया. राेचक बात यह है कि बतौर धनबाद एसपी राकेश बंसल ने ही संताेष रजक काे सस्पेंड किया था और उन्होंने ही सस्पेंशन मुक्त भी कर दिया.
स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के सदस्य बनाने पर उठे सवाल : राकेश बंसल के बाद धनबाद में एसएसपी पद पर सुरेंद्र कुमार झा की पोस्टिंग हुई. एसएसपी श्री झा ने धनबाद जिले में आर्थिक अपराध व अवैध कारोबार रोकने के लिए स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) बनाया. फरवरी 2016 में दारोगा संतोष रजक को एसओजी की टीम का सदस्य बनाया गया. इसके बाद एक बार फिर संतोष रजक की चलती हो गयी. विवादास्पद दारोगा संतोष रजक को एसओजी में शामिल करने पर पुलिस महकमे में सवाल भी उठे. इधर, एसओजी टीम में शामिल होने के बाद संतोष रजक ने जिले में अवैध लोहा व कोयला का कारोबार करनेवालों और जुआ अड्डों के संचालकों के यहां छापामारी शुरू की.
हालांकि पुलिस पर धनबाद जिले के जीटी रोड के कोयला भट्ठों में छापामारी के दौरान वसूली के आरोप भी लगे. पुलिस पर जबरन कोयला भट्ठों में साइकिल से चोरी का कोयला ले जाकर घुसाने व संचालकों से भयादोहन के आरोप लगे. छापामारी के बाद स्थानीय थानेदारों पर धौंस दिखाने को लेकर भी दारोगा संतोष रजक चर्चे में रहे. आरोप लगा कि वह सीनियर-जूनियर तक का ख्याल नहीं रखते थे.
हरिहरपुर थाना की कमान : नौ मार्च 2016 को अचानक संतोष रजक को धनबाद जिले के हरिहरपुर का थानेदार बनाया गया. हरिहरपुर थाना उसी राजगंज थाना के बगल का है, जिसके प्रभारी रहते हुए उन्होंने जमादार उदय शंकर सिंह के साथ मारपीट व मौत के मामले में विवाद में आये और सस्पेंड हुए थे. एक और महत्वपूर्ण बात यह कि हरिहरपुर थाना भी बाघमारा पुलिस अनुमंडल में पड़ता है, जहां के डीएसपी मनजरुल होदा थे. डीएसपी पर आराेप लगता रहा है कि संताेष रजक पर उनकी खास कृपा रही है.
.ट्रक के मालिक
को मार दी गोली
13 जून 2016 की रात दो बजे के बाद डीएसपी मनजरुल होदा के नेतृत्व में पुलिस बल धनबाद जिले के तोपचांची थाना क्षेत्र में जीटी रोड (कोलकाता-नयी दिल्ली फोर लेन) पर जानवर लदे ट्रकों की जांच कर रहा था. पुलिस टीम में शामिल डीएसपी होदा, दारोगा संतोष रजक समेत सभी पुलिसकर्मी सादे लिवास में थे. इसी दौरान डीएसपी के साथ मौजूद हरिहरपुर थाने के प्रभारी संतोष रजक ने एक चमड़ा लदे ट्रक के मालिक सह चालक मोहम्मद नाजिम को गोली मार दी. बताते हैं कि स्कार्पियो में सवार डीएसपी, दारोगा श्री रजक समेत अन्य पुलिसकर्मी पहुंचे. दारोगा संतोष रजक ने ट्रक की ड्राइविंग सीट पर बैठे मोहम्मद नाजिम से कागजात व ट्रक की चाबी मांगी.
बकौल नाजिम सादे लिवास में होने के कारण वह दारोगा को पहचान नहीं पाया. उसने समझा कि क्रिमिनल हैं. बहस होने लगी और नाजिम ने ट्रक राजगंज की ओर भगा दिया. डीएसपी व दारोगा संतोष रजक की सूचना पर पुलिस ने राजगंज में जीटी रोड पर ट्रक खड़ा कर दिया था. आरोप है कि ट्रक की ड्राइविंग सीट से नाजिम को उतार कर गुस्से में संतोष रजक ने उस पर गोली चला दी. नाजिम बेहोश होकर गिर पड़ा. उसे एक निजी हॉस्पिटल में ले जाया गया. फिर पीएमसीएच लाकर छोड़ दिया.
इंस्पेक्टर उमेश कच्छप की संदेहास्पद परिस्थिति में गयी जान
रा जगंज में ट्रक चालक मो नाजिम को गोली मारने की घटना के बाद तमाम ट्रक चालक एकजुट हो गये. पुलिस पर अवैध वसूली का दबाव बनाने और पैसे नहीं देने पर गोली मारने का आरोप लगाया. मामला तूल पकड़ने पर धनबाद के एसएसपी ने ग्रामीण एसपी को मामले की जांच का आदेश दिया. ट्रक चालक को गोली मारने के मामले में चूंकि डीएसपी मनजरुल होदा और हरिहरपुर के थाना प्रभारी संतोष रजक की भूमिका संदिग्ध हो चुकी थी,
ऐसे में इस मामले को रफा-दफा करने की कोशिश शुरू हुई. घटना के ठीक एक दिन पहले 12 जून को तोपचांची थाना का प्रभार लेनेवाले इंस्पेक्टर उमेश कच्छप पर डीएसपी मनजरुल होदा ने दबाव डाल कर तोपचांची में प्राथमिकी दर्ज करायी. प्राथमिकी में दारोगा संतोष रजक वादी बने. संतोष रजक ने प्राथमिकी में ट्रक के दूसरे चालक नफीस व खलासी जाकिर द्वारा पुलिस पर फायरिंग की बात कही. डीएसपी के नेतृत्व में तोपचांची थानेदार, इंस्पेक्टर, हरिहरपुर थानेदार व गश्ती दल के नेतृत्व में टीम बना कर कार्रवाई दिखायी गयी.
इंस्पेक्टर उमेश कच्छप…
ट्रक चालक पर डीएसपी की गाड़ी को धक्का मार कर भागने व पुलिस पर फायरिंग करने का आरोप लगा. यही नहीं, छापामारी दल में तोपचांची इंस्पेक्टर उमेश कच्छप का नाम भी डलवा दिया. पूरी कहानी बनायी गयी कि जानवरों की तस्करी हो रही थी. पुलिस ने विरोध किया, तो गोली चली. प्राथमिकी में मुठभेड़ स्थल राजगंज थाना क्षेत्र दिखाया गया है, जबकि प्राथमिकी तोपचांची थाना में दर्ज करायी गयी. किसी और थाना क्षेत्र की घटना के मामले में जबरन दबाव डाल कर तोपचांची में प्राथमिकी दर्ज कराने को लेकर तोपचांची इंस्पेक्टर उमेश कच्छप मानसिक दबाव में आ गये.
अंतत: 17 जून की रात को इंस्पेक्टर उमेश कच्छप तोपचांची थाना प्रांगण स्थित आवास में मृत पाये गये. नाजिम को गोली मारने और फिर इस मामले में उमेश कच्छप की मौत राज्य में चर्चित हुए. 19 जून 2016 को रांची में इंस्पेक्टर उमेश कच्छप के शव के साथ मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया गया. इसके बाद सरकार ने डीएसपी मनजरुल होदा व दारोगा संतोष रजक मुख्यालय बुला लिया
नयी दिल्ली में इलाजरत है नाजिम : ट्रक मालिक मोहम्मद नाजिम फिलवक्त नयी दिल्ली में इलाज करवा रहा है. 17 दिनों तक पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर स्थित मिशन हॉस्पिटल में इलाज के बाद डॉक्टरों ने एक जुलाई को नाजिम को नयी दिल्ली रेफर कर दिया. कारण नाजिम के सिर में एक और ऑपरेशन करना है, जो नयी दिल्ली स्थित एम्स में ही हो सकता है. नाजिम के परिजन उसे मिशन हॉस्पिटल से लेकर यूपी के संभल जिला अंतर्गत नखासा थाना के तुरतीपुरीला पैतृक गांव ले गये. दो दिन गांव में रखने के बाद परिजन नाजिम को नयी दिल्ली ले गये.
एम्स के डॉक्टरों ने लंबे समय तक नाजिम का इलाज चलने की बात कही है. मिशन हॉस्पिटल से नाजिम को परिजन नयी दिल्ली ले गये और वहां तैनात पुलिसवालों को पता तक नहीं चला, जबकि पुलिस ने कोर्ट को लिख कर दिया है कि नाजिम पुलिस कस्टडी में इलाजरत है. इस मामले में मिशन हॉस्पिटल
में तैनात पुलिसकर्मी को सस्पेंड किया गया है. इधर, नयी दिल्ली गयी धनबाद पुलिस ने 12 जुलाई को नाजिम की हालत को देखते हुए बांड भरवा कर छोड़ दिया. नाजिम को कहा गया है कि जब पुलिस जहां बुलाये उसे हाजिर होना है. हाजिर नहीं होने पर नाजिम 50 हजार जुर्माना व कानूनी कार्रवाई के भागी होंगे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें