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आरा मोड़ में खड़ा है प्रचार रथ
परिवार स्वास्थ्य मेला पखवारा के नाम पर हो रही खानापूरी परिवार नियोजन के लिए न डॉक्टर मिल रहे, न लाभुक धनबाद. स्वास्थ्य विभाग का काम धरातल पर कम कागजों पर ज्यादा दिखता है. इसकी एक बानगी है परिवार स्वास्थ्य मेला पखवारा के तहत निकला प्रसार-प्रचार रथ. रथ को निर्धारित प्रखंडों में जाकर लोगों को जागरूकत […]
परिवार स्वास्थ्य मेला पखवारा के नाम पर हो रही खानापूरी
परिवार नियोजन के लिए न डॉक्टर मिल रहे, न लाभुक
धनबाद. स्वास्थ्य विभाग का काम धरातल पर कम कागजों पर ज्यादा दिखता है. इसकी एक बानगी है परिवार स्वास्थ्य मेला पखवारा के तहत निकला प्रसार-प्रचार रथ. रथ को निर्धारित प्रखंडों में जाकर लोगों को जागरूकत व जानकारी प्रदान करना है, लेकिन 14 जुलाई 2016 को सिविल सर्जन कार्यालय से रवाना एक रथ (बस) बाइपास (आरा मोड़) में जाकर खड़ा हो गया है. जबकि सिविल सर्जन कार्यालय के अनुसार क्षेत्र में रथ के माध्यम से प्रसार-प्रचार हो रहा है. जिले में 11 से 24 जुलाई तक पखवारा चलना है. जिले में तीन रथ को रवाना किया गया था, लेकिन तीनों से काफी शिकायत मिल रही हैं. ज्ञात हो कि पखवारा के प्रचार-प्रसार के लिए लगभग पांच लाख रुपये सरकार ने भेजी है.
न लाभुक आ रहे, न डॉक्टर मिल रहे : पखवारा के तहत (11 से 24 जुलाई तक) जिला में 90 नसबंदी व 450 बंध्याकरण करने का टारगेट दिया गया है. सात दिनों में मात्र 15 बंध्याकरण व नसबंदी की बात विभाग बता रहा है. हालांकि विभाग का कहना है कि सभी सीएचसी से नियमित रिपोर्ट नहीं आ रही है. इधर, पखवारा के लिए कैंप में लाभुक नहीं आ रहे हैं. वहीं खुद स्वास्थ्य विभाग के पास एनेस्थेटिक्स व सर्जन की काफी कमी है. सरकार से चिकित्सकों की मांग की गयी है.
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