धनबाद: शहर में फैली गंदगी के कारण महामारी फैलने से इनकार नहीं किया जा सकता. 55 करोड़ का कचरा प्रबंधन का टेंडर है. आठ माह से ए टू जेड शहर में काम कर रहा है और आज तक डंपिंग स्टेशन की स्थायी व्यवस्था तक नहीं हुई.
अस्थायी रूप में कुसुंडा में कचरा फेंका जा रहा था. लेकिन ग्रामीणों के विरोध के बाद पिछले दस दिनों से कचरा फेंकना बंद है. उपायुक्त के निर्देश पर निगम के पदाधिकारी सोमवार को वैकल्पिक डंपिंग स्टेशन शिमला बहाल के लिए बीसीसीएल जीएम से मिले. बीसीसीएल ने यहां कचरा फेंकने से साफ मना कर दिया.
कुसुंडा में ही वैकल्पिक व्यवस्था की गयी है. इधर ए टू जेड के सीएनटी हेड सुचित शुक्ला ने कहा कि ऐसे में काम करना संभव नहीं है. नगर आयुक्त अवधेश कुमार पांडेय ने कहा कि डंपिंग की समस्या जल्द दूर हो जायेगी.