धनबाद. जिला के ड्राॅप व लेफ्ट आउट लगभग 6500 बच्चों (0-2 वर्ष) को मिशन इंद्रधनुष के माध्यम से टीकाकरण से जोड़ा जायेगा. बुधवार से (सात अक्तूबर) अभियान शुरू हो गया है. इस बार अभियान को अवकाश के दिन, नियमित टीकाकरण के दिन को इससे अलग रख गया है.
ये बातें जिला टीकाकरण पदाधिकारी डॉ कन्हैया प्रसाद ने सीएस ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कही. साथ में एसीएमओ डॉ चंद्रांबिका श्रीवास्तव, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ जयंत कुमार मौजूद थे. डॉ प्रसाद ने बताया कि पिछली बार अभियान में धनबाद का प्रदर्शन निराशाजनक था. इस कारण फिर से धनबाद को टागरेट मिला है, जिसे हर हाल में पूरा करना है. मिशन इंद्रधनुष से आठ प्रकार की बीमारियों से बचा जा सकता है. अक्तूबर के बाद नवंबर, दिसंबर व जनवरी में भी सात-सात दिन अभियान चलाये जायेंगे.
सरकारी अस्पताल भी जोड़े गये: डॉ प्रसाद ने बताया कि इस बार अभियान में सरकारी अस्पतालों को भी जोड़ा गया है. अभियान के तहत सेंट्रल व इसके क्षेत्रीय अस्पताल, रेलवे अस्पताल, डीवीसी मैथन, टाटा जामाडोबा, पीएमसीएच को भी जोड़ा गया है. यहां चलने वाले हर सेशन की जानकारी देर शाम को स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों को दी जायेगी. सेंट्रल अस्पताल ने नियमित टीकाकरण को माह में दो बार बुध व शुक्रवार कर दिया है.
अभियान में 1533 सेशन, 254 एएनएम
अभियान में सभी आठ प्रखंडों में 1533 सेशन चलाये जायेंगे. इसके लिए 254 एएनएम को लगाया गया है. बाघमारा में 247, बलियापुर 147, गोविंदपुर 97, झरिया 222, निरसा 266, सदर 288, तोपचांची 123, टुंडी 133 सेशन चलाये जायेंगे. सबसे ज्यादा एएनएम 47 निरसा में है, जबकी टुंडी व बलियापुर में सबसे 25-25 एएनएम सेवा दे रही है.
प्रधान सचिव ने पूछा निरसा की बदतर स्थिति कैसे : मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ प्रधान सचिव ने रांची से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की. प्रधान सचिव ने सिविल सर्जन ने पूछा कि धनबाद का निरसा पूरे राज्य में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला प्रखंड है. वहां की स्वास्थ्य योजनाएं की इतनी बदतर स्थिति कैसे है, इस पर अधिकारिओं को कोई जवाब नहीं सूझा, बताया कि वहां से प्रभारी पीएमसीएच चली गयी है. तीन दिन पहले ही डॉ उषा प्रभारी बनी हैं. यह नयी है, इसलिए नहीं बता सकती. प्रधान सचिव ने वरीय पदाधिकारियों की जमकर क्लास भी ली.