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खुद के बदले सहयोगी को भेजवाया जेल

धनबाद: बैटरी की दुकानों का शटर काटकर थोक में बैटरी चोरी करनेवाले इंटर स्टेट गैंग के सरगना विजय वर्मा उर्फ भोली साव के बदले उसका सहयोगी मुन्ना चौधरी बीते मार्च माह से धनबाद जेल में बंद है. इस खुलासे के बाद धनबाद पुलिस के कान खड़े हो गये हैं. खुद के बदले सहयोगी को जेल […]

धनबाद: बैटरी की दुकानों का शटर काटकर थोक में बैटरी चोरी करनेवाले इंटर स्टेट गैंग के सरगना विजय वर्मा उर्फ भोली साव के बदले उसका सहयोगी मुन्ना चौधरी बीते मार्च माह से धनबाद जेल में बंद है. इस खुलासे के बाद धनबाद पुलिस के कान खड़े हो गये हैं. खुद के बदले सहयोगी को जेल भेजवा कर विजय लगातार बैटरी दुकानों में चोरी की घटना को अंजाम दे रहा है. विजय के खिलाफ बिहार के सासाराम, गया, मुजफ्फरपुर आदि थानों में मामले दर्ज हैं.

धनबाद जिले के धनबाद, बैंकमोड़, कतरास, सरायढेला थानों की पुलिस को विजय और उसके गैंग के सदस्यों की तलाश है. विजय द्वारा अपने बदले सहयोगी को जेल भेजने का खुलासा होने के बाद पुलिस अब विजय के खिलाफ एक और एफआइआर करने की तैयारी में है. कतरास थानेदार प्रदीप चौधरी ने भी इसकी पुष्टि की है.

लगातार जारी है चोरी : खुद की जगह सहयोगी मुन्ना चौधरी को धनबाद कोर्ट में सरेंडर करवाने के बाद विजय अपने गैंग के साथ लगातार बैटरी दुकानों को निशाना बना रहा है. पुलिस छानबीन में खुलासा हुआ कि विजय अपने गैंग के साथ लगातार घटना को अंजाम दे रहा है. चोरी की बैटरी को बोलेरो पीकअप वैन से ले जाकर कोलकाता पहुंचाता है. विजय का गैंग दुकान के सामने बोलेरो खड़ी कर बड़ी सावधानी से चोरी करता है. रास्ते से गुजर रहे लोगों को पता भी नहीं चल पाता है.
और खुला राज : विजय वर्मा मूलत: बिहार के औरंगाबाद जिले के अंबा थाना के किशुनपुर गांव निवासी गोपाल साव का पुत्र है. विजय की जगह जेल में बंद उसका सहयोगी मुन्ना चौधरी भी अंबा थाना क्षेत्र के महावीरगंज का रहने वाला है.

मुन्ना, विजय गिरोह का सक्रिय सदस्य है.अंबा थाना के एक मर्डर केस में वर्ष 2012 से ही पुलिस को मुन्ना की तलाश है. विजय के बारे में बोकारो से ही पुलिस को सूचना मिली कि वह बराबर बोकारो के सोनाटांड़ आता है. पुलिस सक्रिय हुई और धनबाद मंडल कारा जाकर जेल में मुन्ना चौधरी से सख्ती से पूछताछ की, तो राज खुल गया. पहले मुन्ना ने खुद को विजय का छोट भाई कृष्णा साव होने का दावा किया, लेकिन अंबा थाना की पुलिस से पता चला कि कृष्णा साव गांव पर ही है. इसके बाद मुन्ना ने राज खोल दिया.
निमियाघाट में भी मामला दर्ज : बताते हैं कि विजय ने पिछले माह गिरिडीह जिले के निमियाघाट थाना क्षेत्र के एक गांव से एटीएम उखाड़कर ले जाने की कोशिश की. रात को पुलिस के पहुंचने पर वह भाग निकला. पुलिस मौके से विजय की बोलेरो पीकअप वैन (जेएच09एक्स-1820) जब्त की. गाड़ी से विजय की मोबाइल, चप्पल व शर्ट बरामद की गयी. मामले में विजय व गैंग के सदस्यों के खिलाफ नामजद एफआइआर है.
पुलिस की दबिश से बचने के लिए सहयोगी को कराया सरेंडर
कतरास पुलिस को वर्ष 2014 में एक इलेक्ट्रॉनिक दुकान में हुई चोरी के मामले में विजय व उसके गैंग के सदस्यों की तलाश है. कतरास थाना में दर्ज कांड संख्या 304-2014 में पुलिस ने चोरी गये सामानों को विजय के बोकारो स्थित आवास से बरामद की थी. इसके बाद कतरास पुलिस ने जोर-शोर से विजय की खोज शुरू की. उसके खिलाफ वारंट व कुर्की निकला. विजय की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही थी. इसी दौरान विजय ने अपने बदले सहयोगी मुन्ना चौधरी को धनबाद कोर्ट में सरेंडर करा दिया. कोर्ट के आदेश पर उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. कतरास पुलिस ने बिना सत्यापन के ही मुन्ना चौधरी को विजय वर्मा मानकर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी. धनबाद, बैंक मोड़ व सरायढेला थाना क्षेत्रों में जनवरी से अभी तक आधा दर्जन बैटरी दुकानों में चोरी की घटनाएं हुई है. सटर काटकर या सेंधमारी कर दर्जनों बैटरी चोरी कर चोरों का दल ले गया है.
धनबाद व बोकारो की पुलिस को दिया झांसा
शातिर विजय दो जिलों धनबाद और बोकारो की पुलिस को झांसा देने में कामयाब रहा. एक ओर धनबाद जिले की कतरास थाना की पुलिस ने बिना सत्यापन के ही मुन्ना चौधरी को ही विजय वर्मा मानकर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी. दूसरी ओर बोकारो सिटी थाना की पुलिस को भी दुकान से थोक में बैटरी चोरी के एक मामले में विजय की तलाश है. विजय के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट निर्गत है. धनबाद में विजय के सरेंडर की सूचना के बाद बोकारो सिटी थाना की पुलिस ने भी बिना सत्यापन किये प्रोडक्शन वारंट लगा दिया.

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