केन्दुआ (धनबाद): वार्ड नंबर 11 के पार्षद-सह-जय माता दी स्वीट्स के संचालक जीतेंद्र गुप्ता उर्फ बबलू गुप्ता (43) ने मंगलवार की अहले सुबह फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली. जब शव यात्र निकल रही थी, तब पत्नी अलका गुप्ता ने जहर खा लिया. उन्हें गंभीर हालत में नर्सिग होम में भरती कराया गया है. इन घटनाओं से इलाके के लोग स्तब्ध हैं. आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है. पार्षद युवा प्रयास के सक्रिय सदस्य के साथ सामाजिक कार्यकर्ता भी थे.
ढाई बजे रात को दुकान से गये थे : देवघर से आये पार्षद के फुफेरे भाई राजीव गुप्ता के अनुसार : जीतेंद्र विश्वकर्मा पूजा को लेकर देर रात तक दुकान में ही व्यवस्था में लगे थे. ढाई बजे घर गये. लेकिन अपने कमरे में न जाकर छत के आउटर गेस्ट हाउस में चले गये. दरवाजा भिड़का हुआ था. 4.25 के लगभग जब वह वहां गये तो दरवाजा को बंद समझ धक्का दिया.
लेकिन वह खुला था. अंदर देखा कि जीतेंद्र रोशनदान में रस्सी के सहारे लटके हुए हैं. उन्हें तत्काल मटकुरिया के एक नर्सिग होम में ले जाया गया. वहां से उन्हें सेंट्रल हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया. लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गयी. पोस्टमार्टम के बाद जब शव यात्रा निकल रही थी तब उनकी पत्नी अलका गुप्ता ने हारपीक (टॉयलेट क्लीनर) पी लिया. फिलहाल वह खतरे से बाहर बतायी जाती हैं. पार्षद अपने पीछे मां, पत्नी तीन बेटी एक बेटा छोड़ गये. पुत्र इंद्रजीत गुप्ता (15) ने मुखाग्नि दी. इस संबंध में केंदुआ थाना में चचेरे भाई योगेश प्रसाद गुप्ता के लिखित बयान पर यूडी केस दर्ज हुआ है.
विजय गुप्ता (चचेरे भाई) ने बताया कि इस घटना का पुरानी घटना से कोई लेना देना नहीं है. गुप्ता के पूर्वज आजमगढ़ से आकर यहां बसे हैं. ग्वाला गंगे यादव ने बताया कि पार्षद ने तीन बजे सुबह छत से खड़ा होकर नीचे से पानी लाने को कहा था. समझा जाता है कि चार बजे तड़के उन्होंने फांसी लगायी होगी.