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28 लाख की आबादी, एक भी किडनी विशेषज्ञ नहीं

धनबाद: धनबाद की 28 लाख की आबादी पर एक भी नेफ्रोलॉजिस्ट (किडनी रोग विशेषज्ञ) नहीं है. आलम यह है कि सामान्य फिजिशियन ही यहां किडनी के रोगियों को देख रहे हैं. इस कारण अधिकांश मरीजों को बाहर का रुख करना पड़ा है. आलम तो यह है कि रात में अचानक से किसी किडनी रोगी को […]

धनबाद: धनबाद की 28 लाख की आबादी पर एक भी नेफ्रोलॉजिस्ट (किडनी रोग विशेषज्ञ) नहीं है. आलम यह है कि सामान्य फिजिशियन ही यहां किडनी के रोगियों को देख रहे हैं. इस कारण अधिकांश मरीजों को बाहर का रुख करना पड़ा है. आलम तो यह है कि रात में अचानक से किसी किडनी रोगी को डायलिसिस की जरूरत पड़ जाये, तो कहीं भी उसका इलाज नहीं हो पायेगा. आये दिन ऐसी परेशानी से मरीजों को जूझना पड़ रहा है.
नर्सिग होम को मिले सब्सिडी : आइएमए
आइएमए के स्टेट प्रेसिडेंट डॉ एके सिंह कहते हैं कि डायलिसिस का खर्च काफी ज्यादा होता है. किसी को हर सप्ताह तो किसी को चार दिन पर भी कराना होता है. एक बार डायलिसिस कराने में हजार से दो हजार रुपये खर्च आते हैं. इसलिए गरीब मरीज इलाज कराने में असमर्थ हो जाते हैं. जिससे उनकी जान चली जाती है. डॉ सिंह ने सरकार से नर्सिग होम को सब्सिडी देने की मांग की है, ताकि कम खर्च में गरीब मरीजों का इलाज किया जा सके. यह भी देखना होगा कि किडनी के मरीज कोयलांचल में तेजी से क्यों बढ़ रहे हैं. इसका निदान सभी को करना होगा.
सदर अस्पताल में मिलेगी सेवा: सीएस
सिविल सजर्न डॉ एके सिन्हा कहते हैं कि गरीबों को फिलहाल पीएमसीएच में डायलिसिस हो रहा है. यहां दो बेड हैं, आने वाले समय में इसकी संख्या बढ़ेगी. अभी मरीज के अनुसार बेड की संख्या काफी कम है. इसके साथ अगले वर्ष धनबाद में सदर अस्पताल बन जायेगा. इसमें डायलिसिस की सेवा मरीजों को मिलेगी. अस्पताल निर्माण का काम तेजी से चल रहा है.

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