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नहाने गयी दो बच्चियां जमुनिया में डूबी, मौत

बाघमारा: बाघमारा थाना क्षेत्र की गोपालपुर आदिवासी बस्ती की दो आदिवासी बच्चियों की मौत सोमवार की दोपहर जमुनिया नदी में डूबने से हो गयी. मृत बच्चियों में छोटी कुमारी (8), पुत्री बिनोद सोरेन व सुनीता सोरेन (8), पुत्री निर्मल सोरेन थीं. घटना की जानकारी मिलते ही बीडीओ गिरिजानंद किस्कू शाम 5़ 30 बजे बस्ती पहुंचे […]

बाघमारा: बाघमारा थाना क्षेत्र की गोपालपुर आदिवासी बस्ती की दो आदिवासी बच्चियों की मौत सोमवार की दोपहर जमुनिया नदी में डूबने से हो गयी. मृत बच्चियों में छोटी कुमारी (8), पुत्री बिनोद सोरेन व सुनीता सोरेन (8), पुत्री निर्मल सोरेन थीं. घटना की जानकारी मिलते ही बीडीओ गिरिजानंद किस्कू शाम 5़ 30 बजे बस्ती पहुंचे और बच्चियों के परिजन से मुलाकात कर सांत्वना दी. निर्मल की पत्नी सरोजनी देवी एवं उसके पुत्र सैमुअल सोरेन ने श्री किस्कू व बाघमारा थानेदार नहना तोपनो को बताया कि गांव के दर्जनों बच्चों के साथ छोटी व सुनीता दोपहर 12 बजे स्नान करने जमुनिया तट गये थे.

दोपहर दो बजे तक सभी बच्चे स्नान कर लौट आये, लेकिन छोटी एवं सुनीता गांव नहीं लौटीं. इसके बाद उन दोनों की खोजबीन शुरू हुई. बस्ती के लोग भागे-भागे जमुनिया नदी तट पहुंचे. वहां ग्रामीणों ने बच्चियों की खोज में काफी मशक्कत की. दोपहर तीन बजे नदी में एक गहरी जगह गोता लगाने पर छोटी की लाश मिली. शव निकलते ही छोटी की मां विपोती देवी के चीत्कार से पूरा माहौल गमगीन हो गया. इसके बाद सुनीता की तलाश शुरू हुई. आधा घंटे बाद उसका भी शव मिल गया. सुनीता की मां सरोजनी देवी, भाई सैमुअल सोरेन व आकाश सोरेन के रोने-बिलखने से वहां मौजूद लोगों की आंखें नम थीं. ग्रामीण दोनों के शव बस्ती लाये. घटना की सूचना मिलने पर खानूडीह पंचायत के मुखिया गोपाल महतो मौके पर पहुंचे. बाद में बीडीओ श्री किस्कू व थानेदार श्री तोपनो वहां पहुंचे. देर शाम तक दोनों शवों का पंचनामा बनाकर पुलिस पोस्टमार्टम के लिए भेजने की तैयारी में जुटी थी.

गुजरात गये हैं दोनों के पिता : छोटी व सुनीता स्थानीय प्राथमिक विद्यालय में तीसरी कक्षा की छात्र थीं. इनके पिता क्रमश: बिनोद सोरेन एवं निर्मल सोरेन रोजी-रोटी के लिए गुजरात के जामनगर में हैं. दोनों को घटना की सूचना दे दी गयी है. दोनों कुछ माह पूर्व ही गुजरात गये थे. बिनोद गडराटांड़ (तेलो) का रहने वाला है. उसके गुजरात जाने के बाद छोटी पिछले चार वर्षो से गोपालपुर बस्ती में अपने नाना सोनाराम किस्कू के घर रह रही थी.
एक रुपया होता तो बच जाती छोटी की जान
छोटी की मौत उसे घसीट कर जमुनिया तट पर ले गयी. प्रात: 10 बजे नाश्ता कर व स्कूल ड्रेस पहन जब छोटी स्कूल जाने लगी, तो उसने मां विपोती देवी से एक रुपये की मांग की. मां ने पैसा देने में असमर्थता प्रकट की, तो छोटी स्कूल न जाकर जमुनिया नदी गांव के बच्चों के साथ चली गयी. जाते-जाते किताब-कॉपी घर में रख चल दी.

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