धनबाद. अंचल कार्यालय से टेक्सटाइल मार्केट एवं यूनियन क्लब के मामले में जिला परिषद के पक्ष में फैसला आने के बाद अब आगे की कार्रवाई की तैयारी है. सीओ के यहां से अब आइएमए , बीएसएस कॉलेज, कांग्रेस, इंटक कार्यालय, गांधी कुटीर सहित कुल 160 आवास एवं संस्था के मामले में फैसला आने का इंतजार है.
जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह डीडीसी चंद्र किशोर मंडल ने बताया कि टेक्सटाइल मार्केट,यूनियन क्लब के साथ ही उपरोक्त सभी संस्थाओं को भी जोड़ते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील की गयी थी. सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत (सीओ के यहां)में सुनवाई कराने का निर्देश दिया था. इस आलोक में सीओ के यहां अपील करने पर सुनवाई शुरू हुई. उन्होंने बताया कि बीएसएस कॉलेज, कांग्रेस कार्यालय एवं इंटक कार्यालय का जिला परिषद के पक्ष में फैसला होता है तो कॉलेज को भाड़ा पर दिया जायेगा. इससे जिला परिषद की आमदनी में वृद्धि होगी. कांग्रेस और इंटक कार्यालय अगर भाड़ा पर वे लोग नहीं लेना चाहेंगे तो वहां तोड़कर मार्केट कॉम्प्लेक्स बनाया जायेगा. उन्होंने बताया कि विभाग का भी निर्देश है जिला परिषद की आमदनी बढ़ाने का.
क्या कहते हैं अंचलाधिकारी : धनबाद सीओ दिनेश कुमार रंजन ने बताया कि बीएसएस महिला कॉलेज, कांग्रेस, इंटक कार्यालय सहित अन्य संस्थानों के बारे में सुनवाई तेजी से चल रही है. कुछ मामले में तो स्थिति पूरा होने के करीब है. जल्द ही फैसला दे देंगे. मालूम हो कि हाइकोर्ट के निर्देश पर मार्च, 2011 में ये सभी संस्थान सील कर दिये गये थे. तबसे यूनियन क्लब को छोड़कर सभी बंद है. इधर जिला परिषद सभी को अपने अधीन करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से लेकर सक्षम न्यायालय तक गुहार लगा रही है.
कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने कहा, डीसी से मिलेंगे : कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सह इंटक के कार्यकारी अध्यक्ष ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि वे लोग नये डीसी से मिलकर दोनों कार्यालय फिर से देने का आग्रह करेंगे. 1960 के दशक में कांग्रेस एवं इंटक कार्यालय खोलने के लिए जिला प्रशासन ने जमीन आवंटित की थी. तब से उनलोगों से एक गलती होती रही. सभी उपायुक्त आते रहे और वे पत्र भेजते रहे कि वे लोग ट्रस्ट बनाकर सूची जिला प्रशासन को सौंप दें. लेकिन पहले के किसी भी जिलाध्यक्ष ने इसमें रुचि नहीं दिखायी. इसके कारण चार साल से कांग्रेस एवं इंटक कार्यालय सील है. लेकिन दो साल पहले ट्रस्ट बना लिया गया है और अब उसे नये डीसी को सौंपते हुए उक्त दोनों कार्यालय खोलने का आग्रह करेंगे. बताया कि रांची में भी भाजपा कार्यालय हरमू स्थित हाउसिंग कॉलोनी में है , उसे भी सरकार ने ही दिया है. ऐसे में ट्रस्ट बन गया है तो जिला प्रशासन को फिर से देने का आग्रह करेंगे.