अलकडीहा: लोदना क्षेत्र की पांच खदानों की बंदी के खिलाफ अब आर्थिक नाकेबंदी नहीं होगी. मंगलवार को प्रबंधन व जमसं के बीच हुई वार्ता में यह फैसला किया गया. जमसं की वार्ता को संयुक्त मोरचा ने भी मान लिया. अब आठ अगस्त को उपायुक्त कार्यालय के समक्ष इस मुद्दे पर अंतिम वार्ता होगी. इधर, सिंफर टीम ने आज बोर होल से गैस का सैंपल लिया. वार्ता में प्रबंधन ने जयरामपुर में शीघ्र जलापूर्ति बहाल करने की मांग मान ली है. अन्य स्थानों पर भी वाटर पाइप बिछायी जायेगी. इसके साथ ही मंगलवार की दोपहर के बाद लोदना क्षेत्र की तमाम परियोजना, कांटा घर, रोड सेल, साइडिंग आदि चालू कर दिया गया. वार्ता में प्रबंधन की ओर से जीएम (माइनिंग) बीएन सिंह, उप मुख्य कार्मिक प्रबंधक सीके प्रसाद, सुनील कुमार, जमसं की ओर से केडी पांडेय, देवेंद्र सिंह, हरेंद्र सिंह, उमा सिंह, प्रमोद सिंह, संजीत सिंह, छोटू सिंह, मनोज सिंह, रायबाबू सिंह, संतोष सिंह, अनिल सिंह, रवींद्र सिंह आदि थे.
संयुक्त मोरचा ने दिखायी नाराजगी, फिर माना : वार्ता की सूचना पाकर संयुक्त मोरचा के नेता लोदना क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचे और केंद्रीय सचिव क ेडी पांडेय से मिल कर अकेले वार्ता की जाने पर नाराजगी जतायी. बाद में बूढ़ा बाबा मंदिर जयरामपुर में संयुक्त मोरचा व जमसं के नेताओं की बैठक हुई. इस दौरान निर्णय हुआ कि आठ अगस्त को खदान चालू कराने को लेकर डीसी के यहां बैठक होगी.
उसमें डीजीएमएस निदेशक, सिंफर के निदेशक, आइएसएम के पदाधिकारी, बीसीसीएल के डीटी (ऑपरेशन) व बागडिगी में बनी कमेटी की आठ सदस्यीय टीम शामिल होगी. उसके फैसले के बाद आगे की रणनीति तय की जायेगी. बैठक में राम सुमेर पासवान, सुरेश पासवान, मुंद्रिका पासवान, सत्येंद्र चौहान, बिहारी लाल चौहान, वाल्मीकि मंडल, हरेंद्र सिंह, दशरथ पासवान, बालकेश्वर सिंह, हेमंत पासवान आदि थे.