धनबाद: बैंक मोड़ चेंबर ऑफ कॉमर्स का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को नये संयुक्त आयुक्त वाणिज्यकर विजय कुमार दुबे से मिला. टैक्स से संबंधित परेशानी से उन्हें अवगत कराया. प्रतिनिधिमंडल के अध्यक्ष चेतन गोयनका ने कहा कि सरल एवं सहज बता कर वैट लागू किया गया था. लेकिन तथ्य है कि अब उसी वैट को दिनों दिन जटिल बनाया जा रहा है.
किसी भी तरह व्यवसायियों के लिए यह अनुकूल नहीं है. जे वैट को और सुसंगत एवं व्यवसायी अनुकूल बनाया जाये ताकि व्यवसायी सहजता पूर्वक व्यवसाय चला सके. आज जटिलताओं के कारण व्यवसायी अन्य माध्यम की तरफ भागते हैं. जेसी श्री दुबे ने कहा कि वाणिज्यकर के कानून में बदलाव मुख्यालय स्तर पर तय होते हैं. सभी मांगों को मुख्यालय भेज दिया जायेगा. प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व चैंबर के अध्यक्ष चेतन गोयनका कर रहे थे. मौके पर सचिव सुरेंद्र अरोड़ा, संयुक्त सचिव प्रभात सुरोलिया, प्रमोद गोयल, सुशील नारनोली आदि शामिल थे.
क्या है डिमांड
कंपोजिट टैक्स का तत्काल सरलीकरण, वैट रजिस्ट्रेशन की सीमा पांच लाख से बढ़ा कर दस लाख, सभी बैंकों के माध्यम से ऑन लाइन टैक्स पेमेंट की व्यवस्था, जे वैट 200 मासिक विवरणी में व्यवसायियों के द्वारा दूसरे व्यवसायियों को की गयी बिक्री का पूर्ण ब्योरा देना व्यावहारिक नहीं है. इसका सरलीकरण हो, वाणिज्यकर विभाग में व्यवसायियों के बैठने की उचित व्यवस्था, व्यवसायियों एवं वाणिज्यकर अधिकारियों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए समय-समय पर कार्यशाला का आयोजन, वैट ऑडिट की सीमा 40 लाख से बढ़ा कर एक करोड़ किया जाये आदि.