धनबाद: रविवार को सत्तासीन होने जा रही रघुवर सरकार में मंत्री पद के लिए कोयलांचल के विधायकों ने लॉबिंग तेज कर दी है. सभी दावेदारों के अपने-अपने दावे हैं. इसके लिए रांची से ले कर दिल्ली तक पैरवी हो रही है.
धनबाद, बोकारो एवं गिरिडीह जिला के 16 में से 10 सीटों पर भाजपा तथा एक सीट पर सहयोगी दल आजसू के प्रत्याशी विजयी रहे हैं. जबकि 2009 के चुनाव में इन तीन जिलों में केवल एक सीट झरिया ही भाजपा जीत पायी थी.
राज सिन्हा
मजबूत पक्ष
धनबाद विधानसभा से लगभग 53 हजार मतों से चुनाव जीतने वाले राज सिन्हा भाजपा में अपनी जाति (कायस्थ) के इकलौते विधायक हैं. छवि भी अच्छी है. भाजयुमो एवं भाजपा के जिलाध्यक्ष रह चुके हैं. प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर पर भी पार्टी के बड़े नेताओं से सीधा संपर्क है.
कमजोर पक्ष
पहली बार चुनाव जीते हैं. इनसे कई विधायक सीनियर हैं. मंत्री पद सीमित है.
फूलचंद मंडल
मजबूत पक्ष
तीसरी बार सिंदरी से विधायक बने हैं. तमाम विरोधों के बावजूद सीट को पार्टी की झोली में डालने में कामयाब रहे. लंबे समय से भाजपा में रहने के कारण दिल्ली तक लॉबी मजबूत.
कमजोर पक्ष
वैश्य समुदाय से हैं. रघुवर दास भी इसी समुदाय के हैं. बीच में भाजपा छोड़ जेवीएम में जाने के कारण दल-बदलू का टैग, उम्र भी 70 पार.
संजीव सिंह
मजबूत पक्ष
झरिया विधान सभा सीट से जीते संजीव सिंह का दावा है कि पिछले तीन बार से लगातार झरिया सीट पर उनके परिवार का कब्जा है. वे युवा भी हैं और काम करने का जज्बा भी है. विषम परिस्थितियों में भी 2009 के चुनाव में उनकी माता कुंती देवी ने झरिया सीट पर भगवा झंडा लहराया था.
कमजोर पक्ष
पहली बार विधायक बने हैं. उनके स्वजातीय (राजपूत) विधायकों में रांची के सीपी सिंह एवं सरयू राय काफी सीनियर हैं.