धनबाद: पिछले तीन माह से सबसे अधिक बिजली संकट नवंबर में रहा. डीवीसी ने औसतन छह घंटे शेडिंग की. बिजली संकट के कारण जहां आम अवाम परेशान रहा, वहीं ऊर्जा विभाग को लगभग 10 करोड़ रुपये राजस्व का नुकसान हुआ.
ऊर्जा विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार अगस्त, 2014 में जहां 77 लाख यूनिट बिजली कम मिली तो सितंबर माह में एक करोड़, 12 लाख यूनिट घटी. अलबत्ता अक्तूबर में दुर्गापूजा, दीपावली एवं अन्य पर्व त्योहार होने के कारण दो करोड़ यूनिट इसलिए बढ़ी कि उस माह में डीवीसी ने बिल्कुल शेडिंग नहीं की. नवंबर में यह घट कर तीन करोड़ यूनिट तक आ गयी. धनबाद में जहां प्रतिमाह 16 करोड़ यूनिट की जरूरत है.
राजस्व की क्या रही स्थिति : धनबाद सर्किल को जहां 42 करोड़ रुपये राजस्व वसूली का लक्ष्य था, वहीं सिर्फ 32 करोड़, 16 लाख रुपये राजस्व की वसूली हुई. इसमें धनबाद सर्किल में 23 करोड़, 58 लाख रुपये जबकि चास में आठ करोड़, 58 लाख रुपये वसूली हुई. अलग-अलग डिवीजन को लें तो धनबाद डिवीजन में आठ करोड़, 65 लाख रुपये, गोविंदपुर में 3.12 करोड़, निरसा में 7.48 करोड़, निरसा में 7.48 करोड़, झरिया में 4.31 करोड़ रुपये वसूली हुई. चास सर्किल के चास डिवीजन में 4.35 करोड़, लोयाबाद में 2.65 करोड़, तेनुघाट में 1.58 करोड़ रुपये की वसूली हुई.
‘ लगातार शेडिंग मुख्यालय द्वारा जो लक्ष्य दिया गया था, वह पूरा नहीं हुआ. हमलोग लगातार डीवीसी से कटौती नहीं करने का आग्रह करते रहे हैं, लेकिन खास दिन को छोड़ कर वह कटौती कर रहा है. अभी चुनाव आयोग के निर्देश के आलोक में बोर्ड मुख्यालय ने भी आग्रह किया लेकिन स्थिति जस की तस है.
मो असगर अली अंसारी, कार्यपालक अभियंता, ऊर्जा विभाग